मुख्य कारण बताया जा रहा धूल को, इस आंकडे को माना जाता है बेहद खराब भोपाल (ईएमएस)। प्रदेश की राजधानी भोपाल में में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) कई बार 300 के पार पहुंच चुका है। यह आंकडा बेहद खराब श्रेणी का माना जाता है। इस बारे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी बृजेश शर्मा ने बताया कि भोपाल में तीन स्टेशनों के जरिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग हो रही है और बढ़ते प्रदूषण को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब होने का सबसे बड़ा कारण शहर में उड़ने वाली धूल है। पराली जलाने का असर मात्र 7 से 10 प्रतिशत ही देखा गया है। उन्होंने कहा कि सड़क की धूल और निर्माण कार्यों से उठने वाला कण (पीएम10) ही प्रमुख रूप से एक्यूआई बढ़ा रहा है। शर्मा के अनुसार लगभग 11 नवंबर के आसपास प्रदूषण स्तर में तेज वृद्धि दर्ज की गई।ठंड बढ़ने के साथ-साथ मौसम के पैरामीटर भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। सतह के पास हवा ठंडी होने से प्रदूषक ऊपर नहीं उठते। विंड वेलोसिटी मात्र 1.3 किमी/घंटा के आसपास, यानी हवा का बहाव बेहद कम है।कम ऊंचाई पर ही प्रदूषक फंस जाते हैं। इन सभी कारणों से प्रदूषण फैलकर ऊपर नहीं जा पाता और शहर में AQI लगातार खराब बना रहता है। शर्मा ने बताया कि प्रदूषण रोकथाम के लिए नगर निगम लगातार जल छिड़काव कर रहा है।इसके लिए भोपाल नगर निगम द्वारा विशेष मशीनें और फॉगिंग सिस्टम लगाए गए हैं, ताकि सड़क की धूल को बांधा जा सके। उन्होंने कहा कि यदि शहर में सड़क धूल को नियंत्रित किया जाता है, तो प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आ सकती है। प्रदूषण बोर्ड ने चेताया कि लगातार खराब वायु गुणवत्ता नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। सुदामा नरवरे/28 नवंबर 2025