-भारत ने रूस के साथ की 10000 करोड़ से ज्यादा मूल्य की डिफेंस डील नई दिल्ली,(ईएमएस)। तमाम बाधाओं और चुनौतियों के बावजूद रूस और भारत की दोस्ती एक मिसाल है। डिफेंस सेक्टर का इसमें बड़ा योगदान है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत आने वाले हैं, जहां उनकी पीएम मोदी से मुलाकात होगी। इससे पहले भारत तकरीबन 56000 करोड़ की लागत से रूस से एस-400 के पांच और स्क्वाड्रन खरीदने की तैयारी कर रहा है। मोदी-पुतिन की मुलाकात में इसपर मुहर लग सकती है। एस-400 को लेकर अब एक और बड़ी खबर सामने आई है। भारत ने रूसी एयर डिफेंस सिस्टम के लिए 300 मिसाइल खरीदने का फैसला किया है। भारत ने इसको लेकर रूस के साथ 10000 करोड़ से ज्यादा मूल्य की डिफेंस डील की है। खरीद प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 ने अपना जौहर दिखाया था और पाकिस्तान के हर वार को नाकाम किया था। केंद्र सरकार भारतीय वायु रक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए रूस से करीब 300 मिसाइलें खरीदने की तैयारी कर रही है। इन मिसाइलों का इस्तेमाल एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम में किया जाएगा, ताकि हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्तेमाल हुए स्टॉक को फिर से भरा जा सके। मीडिया रिपोर्ट के मुतबबिक इस खरीद की कीमत 10,000 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है और यह प्रक्रिया फास्ट्र ट्रैक पर चलाई जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय जल्द ही रूस की सरकारी कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट को इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोज़ल भेजेगा। रक्षा अधिग्रहण परिषद पहले ही मंजूरी दे चुकी है। अब कॉस्ट नेगोसिएशन कमेटी और कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की मंजूरी के बाद यह सौदा इसी फाइनेंशियल ईयर में पूरा हो सकता है। भारत 5 और एस-400 सिस्टम खरीदने पर भी विचार कर रहा है, जिससे आसमान से आने वाले दुश्मन के रॉकेट, मिसाइल और एयरक्राफ्ट से सुरक्षा और मजबूत होगी। इसी के साथ भारतीय सेनाएं रूस के पेंटसिर मिसाइल सिस्टम को लेने पर भी विचार कर रही हैं, ताकि हथियारबंद और ‘कामिकेज़’ ड्रोन से निपटा जा सके। एस-400 और पेंटसिर दोनों को मिलाकर दो-लेयर वाली एयर डिफेंस व्यवस्था बनाई जा सकती है। रक्षा मंत्रालय के 20,000 करोड़ रुपए के ड्रोन प्रोजेक्ट में 20 से ज्यादा भारतीय प्राइवेट कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इज़राइल की एल्बिट, अमेरिका की जनरल एटॉमिक्स और बेल ने भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर भारत में ड्रोन बनाने का प्रस्ताव दिया है। अमेरिका से 31 ‘प्रिडेटर’ हथियारबंद ड्रोन की सप्लाई 2028-29 तक आने की उम्मीद है। सिराज/ईएमएस 28नवंबर25