मुंबई, (ईएमएस)। सीमा शुल्क विभाग (कस्टम्स) ने एक बिना अनुमति वाले हवाला रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कंपनी मेसर्स एच.एम.फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड से कुल 7 लाख रुपये की विदेशी करेंसी और 2 करोड़ रुपये के भारतीय करेंसी नोट ज़ब्त किए गए हैं। यह पूरी रकम हसन मोहम्मद करोडिया उर्फ हसन गोगा से ज़ब्त की गई है। मिली जानकारी के अनुसार गुप्तचर विभाग को गुप्त जानकारी मिली थी कि हसन गोगा नाम के हवाला कारोबारी के पास विदेश से बड़ी मात्रा में विदेशी करेंसी की स्मगलिंग की जा रही है। जिसके बाद कस्टम्स विभाग ने जाल बिछाया और गोगा के ऑफिस पर छापा मारा। इस छापे में गोगा के पास से बड़ी मात्रा में भारतीय करेंसी नोट मिले और पता चला है कि वे संदिग्ध हैं। इसलिए, शुरुआती जांच में गोगा के आतंकवादी संगठनों से लिंक होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। देश की आर्थिक सुरक्षा के नज़रिए से इस मामले में अभी पूरी जांच चल रही है। जांच में पता चला है कि गोगा विदेश से आने वाले यात्रियों के ज़रिए भारत में विदेशी करेंसी लाता था। वह इस काम के लिए बड़ी संख्या में छात्रों का इस्तेमाल करता था। भारत आने के बाद वह उस फॉरेन करेंसी को इंडियन करेंसी के बदले खरीद लेता था। इसी तरह वह रेगुलर तौर पर विदेश जाने वाले यात्रियों के ज़रिए फॉरेन करेंसी को भारत से बाहर भेजता था। इस पूरे एक्सचेंज में दुबई और दूसरे गल्फ देशों से आने-जाने वाले लोगों का खास तौर पर इस्तेमाल होता था। इसलिए, जांच अधिकारियों को अहम सुराग मिले हैं कि यह नेटवर्क सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय हवाला और स्मगलिंग रैकेट से जुड़ा हुआ है। हसन गोगा को 26 नवंबर को कस्टम्स एक्ट के सेक्शन 1962 और फेमा (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसे शुक्रवार (28 नवंबर) को मुंबई की किला कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फ़िलहाल आगे की जांच चल रही है। कहा जा रहा है कि करेंसी नोट और फॉरेन करेंसी जब्त करने के मामले में यह पिछले दो दशकों में कस्टम विभाग का सबसे बड़ी कार्रवाई है। संजय/संतोष झा- २८ नवंबर/२०२५/ईएमएस