राज्य
28-Nov-2025


- खजुराहो में सरकार... 8 और 9 दिसंबर को होगी मोहन कैबिनेट भोपाल (ईएमएस)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में समेकित विकास के लिए जो कदम उठाया है, उसके तहत खजुराहो में 8 और 9 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक होगी। जिसमें कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगेगी। सरकार की कैबिनेट बैठक बुंदेलखंड के विकास के लिए माइलस्टोन यानी मील का पत्थर साबित होगी। वहीं मीटिंग से पहले क्लीन खजुराहो और ग्रीन खजुराहो की ओर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जानकारों का कहना है कि बुंदेलखंड में विकास के लिए औद्योगिक विकास, बुनियादी ढांचे में सुधार और जल संसाधनों के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जिनका लक्ष्य रोजगार सृजित करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना जैसे प्रयास पानी की कमी को दूर करने और कृषि को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं। ऐसे में दिसंबर में होने वाली कैबिनेट बैठक महत्वपूर्ण साबित होगी। कैबिनेट बैठक में विकास योजनाओं, निवेश, पर्यटन और प्रशासनिक सुधार से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर केंद्रित चर्चा होगी। वहीं बुंदेलखंड के विकास के लिए केन बेतवा लिंक परियोजना की समीक्षा भी इस बैठक में की जाएगी। साथ ही बैठक से पहले खजुराहो को क्लीन खजुराहो और ग्रीन खजुराहो की ओर विशेष ध्यान दिया जाएगा। बुंदेलखंड में विभिन्न विकास कार्य चल रहे हैं, जिनमें जल परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई और पेयजल की सुविधा बढ़ाना, नए राजमार्ग और कॉरिडोर बनाना, और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना शामिल है। इन पहलों का उद्देश्य क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना, आर्थिक विकास को गति देना और लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना है। प्रमुख विकास कार्य बुंदेलखंड में कई विकास कार्य चल रहे हैं। पवई में सिंचाई के लिए लगभग 1.35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित करने और 600 से अधिक गांवों को पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोडऩे के लिए इस कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इसे दिसंबर 2026 तक पूरा करने की योजना है। 112 किलोमीटर लंबे सागर-कानपुर फोर-लेन हाईवे का निर्माण किया जा रहा है, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। सागर में 1,700 करोड़ रुपये के निवेश से डेटा सेंटर की स्थापना की जा रही है, जिससे लगभग 1,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण जैसे संस्थान औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं नवीनकरणीय ऊर्जा में निवेश की योजना है। आईटी क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। बुंदेलखंड के विकास के लिए विशेष विकास प्राधिकरण और निधियां स्थापित की गई। मुख्यमंत्री ने हालही में सागर जिले की बहुप्रतीक्षित लांच नदी परियोजना की स्वीकृति की घोषणा की। 300 करोड़ से बेबस नदी पर बनेगा बांध सागर में 300 करोड़ की बेबस नदी सिंचाई परियोजना को स्वीकृति मिली है। इस बांध का पानी 2028 से सागर की जीवनदायिनी राजघाट बांध परियोजना को भी मिलेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस परियोजना को बनाने का ऐलान किया है, जिससे गर्मी में सागर, मकरोनिया, कैंट और आर्मी क्षेत्र में होने वाले जल संकट से राहत रहेगी। साथ ही सुरखी विधानसभा के 29 गांव की 5000 हेक्टेयर जमीन भी सिंचित होगी। जल्द ही डीपीआर फाइनल होगी और फिर भू अर्जन का काम शुरू किया जाएगा। इस परियोजना पर बीते 2 साल से सर्वे किया जा रहा है। बता दें, साल 2001 में सागर की प्यास बुझाने के लिए राजघाट बांध परियोजना शुरू की गई थी। लेकिन, बढ़ती आबादी की वजह से पर्याप्त जल आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। इसके चलती लंबे समय से राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने की मांग की जा रही थी। ऊंचाई बढऩे से गांव और खेती की भूमि डूब में आ जाती, जिसकी वजह से प्रस्ताव अटका हुआ था। लेकिन, अब कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की मांग पर आखिरकार मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सागरवासियों की सुविधा को देखते हुए परियोजना का ऐलान कर दिया। बेबस नदी परियोजना के तहत बांध खमरिया गांव के पास बनाया जाना है, जो राजघाट बांध से ही करीब 16 किलोमीटर ऊपर होगा। ऐसे में बांध से नदी में पानी छोडऩे पर यह सीधे राजघाट बांध में ही आएगा। बांध की क्षमता 36।64 एमसीएम यानी 36.6 अरब लीटर पानी की होगी। गर्मी के समय जब राजघाट बांध रीतने लगता है, उस समय 11.25 एमसीएम यानी 11.28 अरब लीटर पानी बांध में छोड़ा जाएगा, जो 25 एमसीएम से अधिक पानी बचेगा, वह 29 गांवों में सिंचाई के लिए दिया जाएगा। विनोद / 28 नवम्बर 25