* क्षमता निर्माण, पोषण-स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा, सार्वजनिक सुरक्षा और सेवा क्षेत्र पर सामूहिक चर्चाएं वलसाड (ईएमएस)| मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार का तीन दिवसीय बारहवाँ चिंतन शिविर वलसाड जिले के आदिजाति बहुल क्षेत्र धरमपुर स्थित श्रीमद् राजचंद्र आश्रम में आयोजित हो रहा है। सामूहिक चिंतन से सामूहिक विकास के ध्येय के साथ आयोजित हो रहे इस चिंतन शिविर के शुक्रवार को दूसरे दिन के पहले सत्र के ग्रुप डिस्कशन्स में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी, मंत्रीगण तथा मुख्य सचिव एम. के. दास सहभागी हुए। विकसित गुजरात के लिए क्षमता निर्माण तथा व्यक्तिगत कामकाज मूल्यांकन, संवर्गों के पुनर्गठन तथा निरंतर प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण के लिए प्लेटफॉर्म प्रदान करने जैसे विषयों पर आयोजित चर्चा सत्रों में कृषि मंत्री जीतू वाघाणी, श्रम एवं कौशल विकास मंत्री कुँवरजी बावळिया, कृषि राज्य मंत्री रमेश कटारा तथा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री त्रिकमल छांगा, शिविरार्थी सचिवों, जिला कलेक्टरों, जिला विकास अधिकारियों तथा सुपर न्युमरी असिस्टेंट कलेक्टरों ने विकसित गुजरात@2047 के लिए गुजरात की स्थापना के 2035 में मनाए जाने वाले 75वें स्थापना दिवस तक के पिछले एक दशक में क्षमता निर्माण से राज्य को मानव संसाधन विकास और वर्कफोर्स की कैपेसिटी बिल्डिंग के प्लेटफॉर्म प्रदान कर भविष्योन्मुखी टेक्नोलॉजी से सज्ज मानव बल तैयार करने की दिशा में चिंतन किया। पोषण एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चर्चा सत्र में सहभागियों ने राज्य में माता मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर, एनीमिया एवं पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में वेस्टिंग, अंडरवेट तथा स्टंटिंग में राज्य की स्थिति और केद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ ऐसे प्रभावितों को देकर उनकी पोषण स्थिति सुधारने के लिए ढाँचागत सुविधाओं का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण, टेक्नोलॉजी आधारित सुधारों, महत्वूर्ण सूचकांकों पर फोकस करने जैसे जन सुख-समृद्धि को छूने वाले विषयों पर चर्चा की। इस सत्र में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रद्युमन वाजा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमण सोलंकी, स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रफुल्ल पानशेरिया, कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री स्वरूपजी ठाकोर तथा आईएएस अधिकारी सहभागी हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2070 तक नेट जीरो तथा 2030 तक 500 गीगावाट नॉन-फोसिल ऊर्जा के उयोग सहित मिशन लाइफ तथा एक पेड़ माँ के नाम जैसे पर्यावरणोन्मुखी विचार दिए हैं। हरित ऊर्जा तथा पर्यावरण में ग्रीन पावर के उपयोग सत्र में प्रधानमंत्री के विचारों को अधिक से अधिक ग्रीन एनर्जी के उत्पादन तथा उपयोग एवं गवर्नेंस में ग्रीन एनर्जी से पर्यावरण संरक्षण की मौजूदा कार्ययोजना तथा ऊर्जा आत्मनिर्भरता एवं विश्वसनीयता तथा क्लाइमेट चेंज के प्रभावों, सर्कुलर इकनॉमी पर गहन चिंतन-मंथन किया गया। इस चर्चा सत्र में ऊर्जा मंत्री ऋषिकेश पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री अर्जुन मोढवाडिया, जल संसाधन एवं जलापूर्ति राज्य मंत्री ईश्वरसिंह पटेल, राज्य मंत्री डॉ. मनीषा वकील, कौशिक वेकरिया, प्रवीण माली तथा आईएएस अधिकारी सहभागी हुए। शिविर में आयोजित सार्वजिक सुरक्षा (पब्लिक सेफ्टी) के चर्चा सत्र में सड़कों, पुलों, सरकारी भवनों जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर में नागरिक सुरक्षा के लिए कार्यक्षम तथा विश्वसनीय स्ट्रक्चर्स, जलापूर्ति इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीवेज व्यवस्था की पुनर्स्थापना, फायर सेफ्टी तथा इमर्जेंसी सर्विसेज जैसे लोगों को व्यापक रूप से स्पर्श करने वाले विषयों में टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन, ट्रांसपरेंसी, कलेक्टिव रिस्पॉन्सिबिलिटी, जागृति अभियान जैसे आयोजनों की वर्तमान स्थिति तथा भविष्योन्मुखी आयोजनों के संबंध में ग्रुप डिस्कशन किया गया। इस चर्चा सत्र में आदिजाति विकास मंत्री नरेश पटेल, शहरी विकास राज्य मंत्री दर्शनाबेन वाघेला, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, जिला कलेक्टर तथा जिला विकास अधिकारी सहभागी हुए। सेवा क्षेत्र की वृद्धि एवं विविधीकरण से जुड़े चर्चा सत्र में रोजगार, आईटी तथा आईटीईएस सेक्टर ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर, वित्तीय सेवाओं, उत्पादन संबंधी सेवाओं, बंदरगाह संचालित सेवाओं, गिग, केयर तथा ग्रीन इकोनॉमी से जुड़ी सेवाओं में वर्तमान क्षेत्रीय परिदृश्य तथा इस क्षेत्र में की गई प्रमुख पहलों और भावी आयोजन से गुजरात को सेवा क्षेत्र में भी अग्रिम बनाने की दिशा में इस सत्र में सहभागी हुए सभी ने अपने सुझाव दिए तथा मत व्यक्त किए। इस चर्चा सत्र में वित्त एवं शहरी विकास मंत्री कनु देसाई, खेल राज्य मंत्री डॉ. जयराम गामित, वित्त राज्य मंत्री कमलेश पटेल, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री संजयसिंह महिडा, आदिजाति विकास राज्य मंत्री पी. सी. बरंडा, शिक्षा राज्य मंत्री रीवाबा जाडेजा तथा मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार डॉ. हसमुख अढिया सहभागी हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत@2047 का जो संकल्प दिया है, उसे बारहवें चिंतन शिविर के दूसरे दिन के ये चर्चा सत्र विकसित गुजरात से पूरा करने के लिए और गति देंगे। सतीश/28 नवंबर