रांची(ईएमएस)। गौवंश तस्करी से जुड़े छह साल पुराने मामले में सात आरोपियों को अपर न्यायायुक्त की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में शुक्रवार को बरी कर दिया। अदालत ने साधो लकड़ा, माइकल लकड़ा, बिरसा कच्छप, छोटू लकड़ा, लच्छू कच्छप, महादेव कच्छप व नसीम कुरैशी को बरी किया है। मामला 20 अक्तूबर 2019 का है, जब टाटीसिलवे पुलिस ने बरम फुटबॉल मैदान के पास से 17 गाय, 3 बैल और 2 भैंस को बरामद किया था। पुलिस का आरोप था कि इन्हें अवैध रूप से वध की नीयत से ले जाया जा रहा था। इस आधार पर झारखंड गौवंश संरक्षण एवं वध निषेध अधिनियम तथा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।अभियोजन पक्ष ने सात पुलिसकर्मियों को गवाह के रूप में पेश किया। उन्होंने बरामदगी और कार्रवाई की पुष्टि तो की, लेकिन अदालत में कई महत्वपूर्ण कमियां सामने आईं। गवाहों ने स्वीकार किया कि जिस मैदान से पशु मिले, वहां लोग अक्सर अपने पशु चराते हैं। किसी भी गवाह ने यह नहीं कहा कि मौके से पशु वध से संबंधित किसी औजार, वाहन या सामग्री की बरामदगी हुई। जानवरों का मेडिकल परीक्षण भी नहीं कराया गया, जिससे क्रूरता या दुर्व्यवहार की पुष्टि हो पाती। कई गवाह आरोपी की पहचान भी नहीं कर सके। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि पशु तमाड़ के बड़े मेलों से खरीदे गए थे और कृषि व डेयरी उपयोग के लिए लाए जा रहे थे। पुलिस इस दावे को गलत साबित करने में असफल रही। कर्मवीर सिंह/28नवंबर/25