-हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता शिक्षकों ने पेश किया संशोधित आवेदन जबलपुर, (ईएमएस)। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ के समक्ष मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्यता के मामले में सरकार के जवाब के बाद याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से शुक्रवार को संशोधित आवेदन पेश किया गया। आवेदन में आरोप है कि हमारे शिक्षक एप का पूरा काम सरकार ने निजी एजेंसी को सौंपा है। यह कहा गया कि इस एप डाउनलोड के बाद डाटा लीक हुआ है और सायबर फ्राड हुआ है। कुछ शिक्षकों के बैंक खाते से रकम भी गायब हुई है। यह दलील दी गई कि लोक शिक्षण संचालनालय ने इस पर संज्ञान लेकर सभी जिलों के डीईओ को पत्र भी भेजा है। कोर्ट ने इन सभी आरापों पर सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई एक दिसंबर को होगी। विगत सुनवाई के दौरान सरकार ने जवाब में साफ कहा कि मोबाइल नेटवर्क की कहीं कोई समस्या नहीं है। सरकार का कहना था कि हमारे शिक्षक ई-एप से डाटा चोरी की कोई आशंका नहीं है क्योंकि इस एप का डेटा सेफ्टी सर्टिफिकेट लिया गया है। दरअसल, प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ शिक्षकों ने इसमें आने वाली समस्याओं को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से हलफनामा प्रस्तुत कर दलील दी गई कि ई-अटेंडेंस दर्ज कराने में कई बार नेटवर्क सहित अन्य तकनीकी समस्याएं आ रही हैं। जबलपुर निवासी मुकेश सिंह वरकड़े, सतना के सत्येंद्र तिवारी सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 27 शिक्षकों ने याचिका दायर कर ई-अटेंडेंस को चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने दलील दी कि शिक्षकों को ई अटेंडेंस के लिए बने हमारे शिक्षक एप के जरिए से उपस्थित दर्ज कराने में बहुत सी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। याचिकाकर्ताओं ने डेटा प्रोटेक्शन एक्ट-2023 के कानून के आधार पर कहा शिक्षकों के पर्सनल मोबाइल, उनका निजी एकाउंट जो उनके बैंक एकाउंट के साथ पर्सनल उपयोग में लिया जाता है। वहीं शासन की ओर से तर्क दिया गया कि नेटवर्क की समस्या नहीं है क्योंकि उसी स्कूल में अधिकतर शिक्षक अटेंडेंस लगा रहे हैं। सुनील साहू / शहबाज / 28 नवंबर 2025/ 07.00