मुम्बई (ईएमएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) दोहरे मापदंड अपनाती रही है। गावस्कर ने कहा कि बल्लेबाजी कौशल असल में वह नहीं होता तो पिछले काफी समय से आईसीसी हमें बताती रही है। गावस्कर ने ये सब बातें पिच रेटिंग को लेकर कहीं। गावस्कर ने कहा कि टर्निंग पिचों पर अच्छी स्पिन खेलने के लिए तेज गेंदबाजी को संभालने के मुकाबले ज्यादा प्रतिभा की जरूरत होती है, जो बाउंस और स्पीड के पक्ष में लंबे समय से चले आ रहे झुकाव को चुनौती देता है। उन्होंने कहा कि पर्थ टेस्ट की पिच के खराब होने और तीन दिन में कैच समाप्त होने केा लेकर कहा कि जब भारत में ऐसा होता है तो पिच को खराब बता दिया जाता है। ये कहा जाता है कि वह बल्लेबाजी के लायक नहीं थी। गावस्कर ने कहा है कि वह अपने यहां की पिचों का बचाव नहीं कर रहे पर हमारा मानना है ऐसी पिचों पर खेलने के लिए विशेष कौशल की जरुरत होती है। गावस्कर का कहना है कि बल्लेबाज की तकनीक फुटवर्क और गेम-रीडिंग की असली परीक्षा अभी भी उन पिचों पर होती है जहां गेंद जमीन को पकड़ती है, नीचे जाती है और टर्न लेती है। गावस्कर का मानना है कि टर्निंग ट्रैक पर ज्यादा कौशल की जरूरत होती है। उन्होंने आगे कहा, हां, मुझे अच्छी तरह पता है कि आजकल कुछ बल्लेबाज पिच पर आगे बढ़कर खेलते हैं। यह कोई रिफ़्लेक्स टेक्निकल मूव नहीं, बल्कि एक बेताबी से किया गया, पहले से सोचा हुआ तरीका है।इसके बाद गावस्कर ने कहा कि मेरे लिए, टर्निंग पिच पर खेलने के लिए तेजी से अधिक प्रतिभा और फुटवर्क की जरूरत होती है। इसीलिए, अगर आप ऐसी सतह पर रन नहीं बनाते हैं, तो आप एक महान बल्लेबाज नहीं हो सकते हैं।” गिरजा/ईएमएस 02दिसंबर 2025