ऑस्ट्रेलिया तक ही सीमित रह गये हैं ये मुकाबले ब्रिस्बेन (ईएमएस)। यहां ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच गुरुवार को गुलाबी गेंद से दिन रात का टेस्ट मैच शुरु होगा। ये गुलाबी गेंद से 24 वां मैच होगा। गुलाबी गेंद से मैच की शुरुआत साल 2015 से हुई थी और तब लग रहा था कि खेल में एक नयापन आयेगा पर ऐसा नहीं हो पाया। एक दशक के बाद भी अब तक काफी कम मैच हुए है। जो हुए हैं उनमें से अधिकतर ऑस्ट्रेलिया में हुए हैं। अन्य देशों में से सफल नहीं रहे हैं। इसके पीछे कई कारण रहे हैं। इसी को लेकर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में इवेंट्स और ऑपरेशंस के एग्जीक्यूटिव जनरल मैनेजर जोएल मॉरिसन ने कहा, ऑस्ट्रेलिया में दिन-रात का प्रारुप इसलिए सफल रहेा क्योंकि गर्मियों में मौसम बहुत अच्छा होता है। वहीं विश्व स्तर के स्टेडियम और सुविधाएं यहां हैं। फ्लड लाइटिंग भी बहुत अच्छी होती है। इसके अलावा इस प्रारुप की सफलता के लिए कई अन्य उपाय भी किये गये हैं जिससे गुलाबी गेंद के मुकाबले हालात के अनुरुप हों। पिछले कुछ सालों में यह बात सामने आयी है कि दिन-रात मैच के लिए आदर्श स्थल तैयार करना आसान नहीं होता है। इसके लिए आपको कुछ खास तरह के बदलावों की जरुरत होती है। इनमें ओस का कम असर, ऐसी पिच जो गुलाबी गेंद को लंबे समय तक सहायता करें बनानी होती है। ओस को देखते हुए पिच कुछ सख्त बनायी जाती है पर ऐसी भी नहीं कि हालात खेलने लायक न रहें। वहीं इंग्लैंड में मौसम की समस्या है, जबकि भारत में ओस से परेशानी है। दक्षिण अफ्रीका में एक गुलाबी गेंद से मैच खेला गया था पर वहां लाइट्स की समस्या होती है। श्रीलंका में फ्लडलाइट्स नहीं हैं जबकि पाकिस्तान में अभी तक इसका आयोजन नहीं हुआ है। न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज भी सही स्थल नहीं साबित हुए हैं। हालांकि इस प्रारुप की शुरुआत धमाकेदार रही थी। एक दशक पहले 27 नवंबर 2015 को मार्टिन गप्टिल ने एडिलेड में मिचेल स्टार्क की पहली गेंद का सामना किया था। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया, ये मैच काफी मनोरंजक तो था पर इसमें कुछ विवाद भी हुए, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट से जीता। बहुत सारे दर्शक मैच देखने के लिए आए। टीवी रेटिंग्स भी दमदार थी पर इसके बाद भी ये प्रारुप अधिक विकास नहीं कर पाया और ऑस्ट्रेलिया का ही होकर रह गया है। गौरतब है कि कि साल 2000 से ही इस प्रकार के टेस्ट शुरू करने की मांग होने लगी थी। साल 2010 में एक बार इंग्लैंड और बांग्लादेश के बीच लॉर्ड्स में अंडर लाइट्स टेस्ट कराने की तैयारी थी पर ये योजना सफल नहीं रही थी। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सीईओ जेम्स सदरलैंड डे-नाइट टेस्ट को शुरू कराने के पीछे थे।भारतीय टीम ने ने कुल 5 गुलाबी गेंद वाले मैच खेले हैं। इनमें से मुकाबले एडिलेड में खेले गए हैं। गिरजा/ईएमएस 03 दिसंबर 2025