राज्य
03-Dec-2025


रांची(ईएमएस)।झारखंड हाई कोर्ट ने बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक बड़ी राहत देते हुए उन्हें एक मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी। जमीन घोटाले से जुड़ा यह केस ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा दायर किया गया है। उच्च न्यायालय ने यह फैसला सोरेन द्वारा दायर उस याचिका पर सुनाया, जिसमें उन्होंने एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज द्वारा जारी उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा गया था।केंद्रीय एजेंसी ने सोरेन के खिलाफ शिकायती केस तब दर्ज किया था जब उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन के बाद ईडी कार्यालय में पेश होने मना कर दिया था। इसके बाद 25 नवंबर को हाई कोर्ट ने ईडी द्वारा दायर एक मामले में रांची की एमपी एमएलए अदालत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पेशी पर लगी रोक हटा दी थी।ईडी दफ्तर में पेश नहीं होने को लेकर शिकायत करने वाले ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवराज झा ने अपनी शिकायत में बताया कि सोरेन को कथित जमीन घोटाले में शामिल होने के सिलसिले में एजेंसी के सामने पेश होने के लिए 10 समन जारी किए गए थे। लेकिन सोरेन सिर्फ दो समन के जवाब में पेश हुए थे, जबकि बाकी समन को उन्होंने नजरअंदाज कर दिया।इसके बाद, ईडी ने साल 2024 में एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज के सामने एक शिकायत याचिका दायर की। इस शिकायत याचिका की सुनवाई के दौरान, विशेष न्यायाधीश ने सोरेन को रांची स्थित एमपी एमएलए कोर्ट के सामने खुद पेश होने का आदेश दे दिया। इसके बाद सोरेन ने एमपी एमएलए अदालत के इस आदेश को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी।उच्च न्यायालय ने मामले में ईडी को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था और दिसंबर 2024 को सोरेन के एमपी एमएलए अदालत में पेश होने के आदेश पर रोक लगा दी थी। पिछले साल दिसंबर में हाई कोर्ट के आदेश के कारण, एमपी एमएलए कोर्ट में सोरेन की पेशी पर रोक लगा दी गई थी।राज्य सरकार ने नवंबर में मामले में पेश होते हुए हाई कोर्ट में सुनवाई टालने की मांग की थी। तब कोर्ट ने सरकार को सुनवाई टालने की अनुमति देते हुए, सोरेन के मामले में पहले दिए गए स्टे ऑर्डर (स्थगन आदेश) को रद्द कर दिया। कर्मवीर सिंह/03दिसंबर/25