राज्य
03-Dec-2025
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:: ग्रुप लर्निंग और प्राचीन ग्रंथों के शोध पर ज़ोर :: इंदौर (ईएमएस)। राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (एनसीआईएसएम), भारत सरकार के आंकलन एवं प्रत्यायन बोर्ड के सदस्य डॉ. सुश्रुत कनौजिया ने बुधवार को शासकीय अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय का आधिकारिक निरीक्षण किया। यह दौरा संस्था की शैक्षणिक और नैदानिक सुविधाओं के मूल्यांकन तथा गुणवत्ता संवर्धन हेतु मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था। डॉ. कनौजिया ने महाविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों और चिकित्सकों के साथ एक औपचारिक बैठक आयोजित की। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत सरकार आयुष चिकित्सा पद्धति के विस्तार हेतु निरंतर प्रगतिशील है। इस दौरान उन्होंने शैक्षणिक सुधारों पर विशेष बल दिया। डॉ. कनौजिया ने छात्रों के कौशल विकास (स्क‍िल डेव्हलपमेंट) और प्रस्तुतीकरण क्षमता को बेहतर बनाने के लिए समूह अधिगम (ग्रुप लर्निंग) शिक्षा पद्धति को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी बताया कि आयोग प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों का गहन अध्ययन कर उनमें से मूल आवश्यक चिकित्सा संबंधी तत्वों को निकालकर समकालीन चिकित्सा प्रणाली में उनके प्रभावी उपयोग पर केंद्रित कार्य कर रहा है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजीत पाल सिंह चौहान ने बताया कि संस्थान को उत्कृष्टता के साथ संचालित करने के लिए भारत सरकार के सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। डॉ. शैलेश शुक्ला द्वारा स्वागत किए जाने के बाद, उपस्थित चिकित्सकों ने अपनी शंकाओं को डॉ. कनौजिया के सामने रखा। इस अवसर पर डॉ. अखलेश भार्गव, प्रोफेसर शल्य तंत्र भी मौजूद थे। प्रकाश/03 दिसम्बर 2025