राष्ट्रीय
04-Dec-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)! ऑनलाइन मैट्रिमोनियल प्लेटफॉर्म पर अब “दूल्हा-दुल्हन गैंग” नाम का नया साइबर ठगी मॉड्यूल तेजी से सक्रिय हो गया है। गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने इस पर कड़ी चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि ठग फर्जी रिश्तों के नाम पर लोगों को इमोशनल ट्रैप में फंसाकर बैंक खाते तक खाली कर रहे हैं। भारतीय साइबर अपराध समन्यवय केंद्र की एडवाइजरी के मुताबिक, साइबर अपराधी विभिन्न मैट्रिमोनियल साइट्स पर प्रोफेशनल पहचान बनाकर रजिस्टर होते हैं। वे अपने आप को डॉक्टर, इंजीनियर, बिजनेसमैन या किसी बड़ी एमएनसी में उच्च पद पर कार्यरत दिखाते हैं। चमकदार प्रोफाइल देखकर लोग आसानी से उनके झांसे में आ जाते हैं। पहले बातचीत प्लेटफॉर्म पर होती है, फिर ठग इसे धीरे-धीरे व्हाट्सऐप, सोशल मीडिया और आवाज़/वीडियो कॉल तक ले जाते हैं। लगातार बात होने से पीड़ित भावनात्मक रूप से कनेक्ट हो जाते हैं, जिसके बाद ठग अपना असली खेल शुरू करते हैं। लुभावने ऑफरों के लालच में न फंसें ठगी का सबसे बड़ा हथियार है हाई प्रॉफिट इनवेस्टमेंट का लालच। ठग पीड़ितों को क्रिप्टोकरेंसी या किसी फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म में पैसा लगाने की सलाह देते हैं। शुरुआत में वे दिखावटी रिटर्न भी दिखाते हैं ताकि भरोसा बढ़े। लेकिन जैसे ही व्यक्ति बड़ी रकम निवेश करता है, पैसा डूब जाता है और ठग गायब हो जाते हैं। ऐसे विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लुभावने वायदे और ऑफरों के लालच में न आएं। ऐसे पहचानें फेक प्रोफाइल सर्वप्रथम पहचान की पुष्टि करें, किसी भी व्यक्ति की जानकारी को सतही तौर पर न मानें। उसका बैकग्राउंड, नौकरी, परिवार और लोकेशन सत्यापित करें। रिवर्स इमेज सर्च करें: शक होने पर प्रोफाइल फोटो को रिवर्स इमेज सर्च में डालें। यदि वही फोटो किसी और नाम से इंटरनेट पर मौजूद हो, तो यह फेक प्रोफाइल होने की सबसे बड़ी निशानी है। शुरुआत में निजी जानकारी बिल्कुल न दें: फोन नंबर, घर का पता, फोटो, पहचान पत्र इनमें से कोई भी जानकारी जल्दबाज़ी में साझा न करें। कुल मिलाकर मैट्रिमोनियल साइट पर मिले व्यक्ति पर आंख बंद करके भरोसा न करें। कोई भी आर्थिक मदद, निवेश का सुझाव—सब कुछ ठगी का हिस्सा हो सकता है। बढ़ती शिकायतें, बढ़ता खतरा नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर ऐसे मामलों में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कई लोग लाखों रुपये गंवा चुके हैं और अपराधी हर दिन नए तरीके अपनाते जा रहे हैं। ऑनलाइन रिश्तों की तलाश करते समय भावनाओं में बहना आसान है, लेकिन साइबर अपराधी इसी कमजोरी का फायदा उठाते हैं। रिवर्स सर्च से लेकर पहचान सत्यापित करने तक, हर कदम पर सतर्क रहना जरूरी है। एक छोटी सी लापरवाही जीवन भर की कमाई पर भारी पड़ सकती है। हिदायत/ईएमएस 04 दिसंबर 2025