राष्ट्रीय
04-Dec-2025


-दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार 2024-25 में 68 अरब डॉलर पहुंचा नई दिल्ली,(ईएमएस)। रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत में दो दिनों के दौरे पर गुरुवार शाम आ रहे हैं, लेकिन उनकी भारत में रुकने की अवधि करीब 30 घंटे है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मेजबानी पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। पुतिन के आगमन के बाद उनकी कुछ खास बैठकें होंगी। इसमें पीएम मोदी के साथ प्राइवेट डिनर और अन्य निजी कार्यक्रम शामिल हैं। इस दौरे में दोनों देशों के बीच ट्रेड, तकनीक, एनर्जी सेक्टर और कई अन्य सेक्टर्स को लेकर बातचीत होगी। हाल ही में भारतीय रुपया को बड़ा झटका लगा है। भारतीय रुपया पहली बार 90 रुपए के पार चला गया है। रुपया ने ऑल टाइम लो लेवल को टच किया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय 100 रुपए रूस में कितने हो जाते हैं? बता दें रूस की आधिकारिक करेंसी रशियन रूबल है, जिसे रब भी कहा जाता है। जैसे हमारे यहां भारतीय रुपया है उसी तरह रब रूस की करेंसी है। रूस में 100 भारतीय रुपए कितने हो जाते हैं। आज के आंकड़ों के मुताबिक एक भारतीय रुपया वहां करीब 0.86 रूबल के बराबर है यानी अगर आप 100 रुपये रशिया ले जाएं, तो वहां आपको करीब 86 रूबल मिलेंगे यानी आपके 100 रुपए का मूल्य रूस में घट जाएगा। अलग-अलग देशों की मुद्राएं अलग-अलग स्तर की होती हैं इसलिए ये कभी भी घट-बढ़ सकती है। भारत और रूस के बीच हमेशा से ही अच्छे संबंध रहे हैं। दोनों देश एक दूसरे से हथियार से लेकर तेल तक खरीदते-बेचते हैं। रूबल को रशियन फेडरेशन की करेंसी है जिसे सेंट्रल बैंक ऑफ रशिया कंट्रोल करता है और यही बैंक नोट्स और सिक्के जारी करता है। पिछले चार सालों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार पांच गुना बढ़कर 13 अरब डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 68 अरब डॉलर हो गया है। रूस और भारत ने साल 2030 तक इसे बढाकर 100 अरब डॉलर करने का लक्ष्य बनाया है। व्यापारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त अवधि में भारत का रूस को निर्यात करीब 1.84 अरब डॉलर रहा है, जबकि रूस से आयात 26.45 अरब डॉलर रहा है। हमारा देश रूस की कई बड़ी जरूरतें पूरी करता है। रूस मुख्य रूप से भारत से सस्ती और अच्छी दवाइयां, चावल, चाय, कॉफी, सब्जियां, अंगूर, मछली-झींगा, तंबाकू, बेकरी और मीट प्रोडक्ट्स खरीदता है। इसके अलावा रसायन, मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक सामान भी भारत से ही मंगवाता है। वहीं, रूस भारत को सबसे ज्यादा ऊर्जा के सामान, खाद, हथियार और कच्चा माल देता है, जो हमारे देश की बिजली-पानी, खेती और सेना को ताकतवर बनाता है। पुतिन की भारत यात्रा में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। भारत और रूस व्यापार और स्वास्थ्य सेवा सहित कई सेक्टर्स में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। सिराज/ईएमएस 04दिसंबर25