नई दिल्ली,(ईएमएस)। राजधानी दिल्ली में कड़ाके की ठंड अब बेघरों के लिए कहर बन गइ्र है। पिछले दो दिनों में शहर के अलग-अलग इलाकों में पाँच अज्ञात शव मिलने से प्रशासन और पुलिस दोनों ने चिंता जाहिर की है। प्रारंभिक तौर पर बताया गया, कि सभी मृतक बेघर प्रतीत हो रहे हैं और शुरुआती जांच में मौत का संभावित कारण ठंड माना जा रहा है, क्योंकि किसी भी मृतक के शरीर पर चोट या हिंसा के निशान नहीं मिले हैं। अनजान कारणों से हुई इन मौतों को लेकर पुलिस ने सर्वप्रथम सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है, ताकि मौत के असल कारण की पुष्टि हो सके। अधिकांश मृतकों के पास कोई पहचान दस्तावेज भी नहीं मिला, जिससे उनकी पहचान करने में परेशानी हो रही है। कहाँ-कहाँ मिले शव? रोहिणी क्षेत्र में बीएसए अस्पताल के पास विगत 3 दिसंबर को एक बुजुर्ग का शव मिला। उम्र करीब 62–63 वर्ष बताई जा रही है। शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे। नॉर्थ रोहिणी पुलिस जांच कर रही है। रोहिणी सेक्टर-23: यहाँ भी 30–35 वर्षीय युवक का शव बरामद हुआ। कोई चोट नहीं मिली और न ही मृतक की पहचान हो पाई। मामले की जांच अमन विहार पुलिस कर रही है। मलकागंज स्थित कबीर बस्ती रैन बसेरा के पास उसी दिन एक युवक का शव मिला। उम्र करीब 30 वर्ष। पहचान और मृत्यु का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका। सब्जी मंडी पुलिस मामले की जांच में जुटी है। मयूर विहार फेज-1 मेट्रो स्टेशन के पास 2 दिसंबर को लगभग 25 वर्षीय युवक का शव मिला। पहचान नहीं हुई और शरीर पर कोई निशान नहीं मिले। पांडव नगर पुलिस जांच कर रही है। वहीं दूसरी तरफ मॉडल टाउन स्थित नानक पियाऊ गुरुद्वारा पास इसी दिन 55 वर्षीय व्यक्ति का शव मिला। मृतक की पहचान नहीं हो पाई। मॉडल टाउन पुलिस जांच कर रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार फिलहाल सभी शव पुलिस मॉर्चरी में सुरक्षित रखे गए हैं। पुलिस का कहना है कि कुछ दिनों तक शव सुरक्षित रखे जाएंगे। यदि कोई परिजन पहचान के लिए आगे आता है, तो आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर शव उन्हें सौंप दिया जाएगा। यदि परिजन नहीं आते, तो शव को लावारिस मानकर प्रशासन द्वारा अंतिम संस्कार किया जाएगा। दिल्ली में बेघरों के लिए खतरा बढ़ा हर साल ठंड बढ़ने के साथ बेघर लोगों की जिंदगी और भी कठिन हो जाती है। रैन बसेरों की कमी और खुले में रात बिताने की मजबूरी कई बार जानलेवा साबित होती है। विभिन्न क्षेत्रों से लगातार पाँच शव मिलना इस वर्ष ठंड की गंभीरता और बेघरों की असुरक्षित स्थिति का संकेत देता है। अधिकारियों का कहना है कि हालात को देखते हुए रैन बसेरों की निगरानी, बेघरों की काउंटिंग और राहत उपायों को और तेज़ करने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाएँ न बढ़ें। हिदायत/ईएमएस 05दिसंबर25