- जुलाई-सितंबर तिमाही में वास्तविक वृद्धि 8.2 फीसदी रही, जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे अधिक है मुंबई (ईएमएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7.3 फीसदी कर दिया है। यह सुधार जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.2 फीसदी की मजबूत वृद्धि के आधार पर किया गया है, जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे अधिक है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि आयकर और जीएसटी दरों में संशोधन, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी, सरकार के पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी और कम मुद्रास्फीति के कारण आर्थिक गतिविधियों को मजबूती मिली। ग्रामीण मांग मजबूत बनी हुई है, जबकि शहरी मांग में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। निजी निवेश में तेजी, गैर-खाद्य बैंक ऋण और उद्योगों में क्षमता उपयोग बढ़ने से आया है। जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल मूल्य-वर्द्धन (जीवीए) में 8.1 फीसदी वृद्धि दर्ज हुई। उद्योग और सेवा क्षेत्र ने अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि कृषि क्षेत्र बेहतर खरीफ उत्पादन और रबी बुवाई से समर्थ रहा। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में तेजी आई है। हालांकि, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश से अप्रैल-दिसंबर तक 70 करोड़ डॉलर की निकासी हुई। विदेशी मुद्रा भंडार 28 नवंबर तक 686.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 11 महीने के आयात खर्च के लिए पर्याप्त है। आरबीआई ने तीसरी तिमाही में 7 फीसदी, चौथी तिमाही में 6.5 फीसदी और अगले वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में क्रमशः 6.7 फीसदी और 6.8 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया। वैश्विक वृद्धि बेहतर रही, लेकिन भू-राजनीतिक और व्यापारिक अनिश्चितताएँ अभी भी बनी हुई हैं। सतीश मोरे/05दिसंबर ---