- 3 साल की होगी पोस्टिंग, 1881 ट्राइबल स्कूल मर्ज भोपाल (ईएमएस)। मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में पदस्थ उर्दू सहित तमाम टीचर्स की स्कूलों में उपयोगिता को देखकर उन्हें दूसरे स्कूलों में भेजने की तैयारी कर रही है। दूरस्थ स्कूलों के तबादला किए जाने के बाद शिक्षकों को कम से कम 3 साल तक नहीं हटाया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि, इसकी समीक्षा की जा रही है कि कहां-कहां स्टूडेंट्स की संख्या कम है और टीचर्स अधिक है। उधर, एक अन्य सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि, प्रदेश में जनजातीय विभाग के 1881 स्कूलों को बंद कर दिया या फिर मर्ज कर दिया गया। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक अमर सिंह यादव ने राजगढ़ जिले में उर्दू शिक्षकों को लेकर सवाल पूछा था। उन्होंने कहा कि, राजगढ़ जिले में कई स्कूलों में स्टूडेंट्स नहीं हैं, जबकि उर्दू शिक्षक मौजूद हैं। उधर, संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि,राजगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में पदस्थ उर्दू शिक्षकों को लेकर समीक्षा की जानी चाहिए। कई स्थानां पर उर्दू शिक्षक तो पढ़ाने के लिए हैं, लेकिन वहां उर्दू के विद्यार्थी ही मौजूद नहीं है। 3 साल नहीं हटाए जाएंगे जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि, राजगढ़ जिले में 15 स्कूलों में 20 उर्दू शिक्षक हैं, जबकि छात्रों की संख्या 200 है। इस तरह छात्रों के मान से ही शिक्षक उपलब्ध हैं। लेकिन सिर्फ उर्दू शिक्षक ही नहीं, बल्कि सभी शिक्षकों को लेकर समीक्षा की गई है। जहां भी जीरो स्टूडेंट्स वाले स्कूल हैं, वहां से शिक्षकों को निकालकर दूरस्थ स्कलों में भेजा जाएगा, इसके बाद उन्हें 3 साल तक रखा जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा सभी विषयों के शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। पिछले साल ही करीबन 20 हजार शिक्षकों को नए स्थानों पर भेजा गया है। शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में पदस्थ किया जहा रहा है, जहां स्टूडेंट्स अधिक हैं और शिक्षक कम। इसी तरह 10 से कम स्टूडेंट्स वाले स्कूलों को पड़ोस के स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा है। इसके बाद शिक्षकों को दूसरे स्थानों पर पदस्थ किया जा रहा है। प्रदेश में बंद और मर्ज हुए 1881 स्कूल उधर, कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने बताया कि, प्रदेश में पिछले 10 सालों में जनजाति विभाग के 1881 स्कूलों को या तो बंद कर दिया गया या फिर मर्ज कर दिया। इनमें खरगोन जिले में 933 स्कूलों को जीरो इनरॉलमेंट के कारण मर्ज कर दिया गया। मंडला में 728 प्राथमिक स्कूलों में छात्र संख्या 10 से कम होने के कारण उन्हें मर्ज कर दिया गया। खंडवा में में 88 स्कूलों को एक शाला एक परिसर योजना के तहत मर्ज कर दिया गया। इसी तरह छिंदवाड़ा में 11, उमरिया में 4, सिवनी में 20, बुरहानपुर में एक, बालाघाट में 96 स्कलों को मर्ज कर दिया गया। विनोद / 05 दिसम्बर 25