राज्य
05-Dec-2025


भोपाल(ईएमएस)।एम्स भोपाल अपने नवीन शोध कार्यों और राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट अकादमिक भागीदारी के माध्यम से चिकित्सा विज्ञान को नई दिशा प्रदान कर रहा है। इसी क्रम में एम्स भोपाल के संकाय सदस्यों ने मणिपाल में आयोजित 28वीं वार्षिक पीडियाट्रिक हीमैटोलॉजी ऑन्कोलॉजी कॉन्फ्रेंस (फॉकॉन-25) में सक्रिय रूप से भाग लिया। यह सम्मेलन कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल के पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी विभाग द्वारा 28 से 30 नवंबर 2025 तक आयोजित किया गया। एम्स भोपाल की ओर से डॉ. नरेंद्र कुमार चौधरी (अतिरिक्त प्रोफेसर, पीडियाट्रिक्स विभाग) और डॉ. योगेन्द्र सिंह यादव (एसोसिएट प्रोफेसर, पीडियाट्रिक्स विभाग) ने इस राष्ट्रीय शैक्षणिक आयोजन में संस्थान का प्रतिनिधित्व किया। सम्मेलन के दौरान डॉ. योगेन्द्र सिंह यादव ने “आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया के उपचार में परिवर्तन” विषय पर मौखिक व्याख्यान दिया। उन्होंने आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया के निदान और प्रबंधन से संबंधित नवीन साक्ष्य-आधारित अपडेट, उपचारात्मक दृष्टिकोण, उन्नत आयरन फॉर्मुलेशन्स, तथा बाल रोगियों में उपचार को बेहतर बनाने की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. नरेंद्र कुमार चौधरी ने मौखिक शोधपत्र प्रस्तुति सत्रों में जज के रूप में भूमिका निभाते हुए देशभर के शोधकर्ताओं और चिकित्सकों द्वारा प्रस्तुत वैज्ञानिक कार्यों का मूल्यांकन किया। संस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि एम्स भोपाल ने वर्ष 2027 में पीडियाट्रिक हीमैटोलॉजी ऑन्कोलॉजी (पीएचओ) चैप्टर की मिड-टर्म सीएमई आयोजित करने का अधिकार सफलतापूर्वक प्राप्त किया। यह उपलब्धि राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक सहयोग और ज्ञान-विस्तार में संस्थान की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है। पीडियाट्रिक्स विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. शिखा मलिक ने फॉकॉन-2025 में सक्रिय भागीदारी और वैज्ञानिक योगदान के लिए संकाय सदस्यों को बधाई और सराहना दी। एम्स भोपाल भी संकाय सदस्यों को उनके निरंतर अकादमिक उत्कृष्टता और बाल स्वास्थ्य सेवा में राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए शुभकामनाएँ देता है। हरि प्रसाद पाल / 05 दिसम्बर, 2025