:: नवंबर अंत तक 4500 शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई; हजारों फर्जी खाते फ्रीज कर पीड़ितों को दिलाई वित्तीय राहत :: इंदौर (ईएमएस)। इंदौर पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने वर्ष 2025 में साइबर फ्रॉड के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक सफलता दर्ज की है। फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीमों ने बीते 11 महीनों (जनवरी से नवंबर) के दौरान ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार आवेदकों को कुल ₹14 करोड़ 33 लाख 57 हजार 247 की रिकॉर्ड धनराशि सफलतापूर्वक वापस दिलाई है। यह अभूतपूर्व उपलब्धि इंदौर पुलिस की त्वरित और प्रभावी रणनीति तथा नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा के प्रति उनकी मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है। बीते 11 महीनों में, क्राइम ब्रांच को लगभग 4500 सायबर फ्रॉड की शिकायतें मिलीं, जिन पर बिना देरी किए निर्णायक कार्रवाई की गई। क्राइम ब्रांच के नोडल अधिकारी ने बताया कि वसूली की गति वसूली की गति वर्ष के मध्य में तेजी से बढ़ी। शुरुआती चार महीनों में (जनवरी से अप्रैल) औसतन ₹70 लाख से कम रही। जनवरी में ₹70,32,307, फरवरी में ₹81,95,694, मार्च में ₹60,10,955 और अप्रैल में ₹61,54,890 की राशि रिफंड की गई। मई माह से इसमें भारी उछाल आया जब रिफंड ₹1,73,04,552 तक पहुंच गया। जून माह में यह राशि ₹1,86,62,205 के साथ सर्वाधिक रही, जिसके बाद जुलाई में ₹1,78,82,194 की मजबूत रिकवरी दर्ज की गई। यह दिखाता है कि मई से जुलाई के बीच रिफंड की बड़ी रकम को सफलतापूर्वक ट्रैक और वापस किया गया। अगस्त में ₹1,49,71,122 और सितंबर में ₹1,68,10,000 का रिफंड किया गया। वर्ष के अंत तक भी, अक्टूबर में ₹1,30,94,421 और नवंबर में ₹1,72,38,907 की सफल वसूली की गई, जो यह दर्शाता है कि पुलिस की फ्रॉड रोकने और वसूली की क्षमता वर्ष भर उच्च स्तर पर बनी रही। :: ठगों के डिजिटल नेटवर्क पर निर्णायक प्रहार :: रिकवरी के साथ ही, क्राइम ब्रांच ने साइबर अपराधियों के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी ध्वस्त कर दिया है। ठगी की रकम को आगे ट्रांसफर होने से रोकने के लिए हजारों की संख्या में फर्जी बैंक खातों को तत्काल प्रभाव से फ्रीज (Freeze) किया गया। इसके अलावा, 250 से अधिक हैक किए गए सोशल मीडिया अकाउंट्स (Facebook, Instagram) को रिकवर कर उनके असली मालिकों को वापस सौंपा गया और आवेदकों के नाम तथा फोटो का दुरुपयोग कर बनाए गए 300 से अधिक फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल को स्थायी रूप से ब्लॉक कराया गया, जिससे ठगी का जाल बिछाने वाले साधनों पर प्रभावी रोक लगी। :: साइबर फ्रॉड के प्रमुख तरीके :: क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार, साइबर फ्रॉड की शिकायतों में इन्वेस्टमेंट फ्रॉड (जैसे टास्क, ट्रेडिंग और गेमिंग के माध्यम से उच्च रिटर्न का लालच), बैंकिंग धोखाधड़ी (बैंक अधिकारी बनकर KYC अपडेट या क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने के बहाने गोपनीय जानकारी मांगना) और डेटिंग व मेट्रीमोनियल साइट्स द्वारा ठगी प्रमुख रहे। पुलिस ने साइबर जागरूकता कार्यक्रमों के तहत लाखों लोगों को साइबर अपराध से बचाव के तरीके बताकर जागरूक किया है। :: पुलिस कमिश्नरेट की अपील: तुरंत संपर्क करें :: क्राइम ब्रांच, इंदौर पुलिस कमिश्नरेट आमजन से आग्रह करता है कि ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए वे इंदौर पुलिस के Safe Clicks-AI Agentic solutions (Chatbot) को जागरूकता के लिए उपयोग करें। जागरूकता के लिए इसकी वेबसाइट https://safeclicks.in या मोबाइल नंबर 7049108197 पर संपर्क किया जा सकता है। यदि आपके साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी होती है, तो एक क्षण की भी देरी न करें और तुरंत क्राइम ब्रांच इंदौर पुलिस की सायबर हेल्पलाइन नंबर 704912-4445 या 1930/NCRP पोर्टल (www.Cybercrime.gov.in) पर शिकायत करें। प्रकाश/06 दिसम्बर 2025