-बीमारी के लक्ष्ण- तेज बुखार, उल्टी, सिरदर्द-शरीर दर्द, थकान और सांस लेने में दिक्कत हैदराबाद,(ईएमएस)। आंध्र प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों एक खतरनाक बीमारी तेजी से फैल रही है, जिसका नाम स्क्रब टाइफस है। छोटे कीड़ों के काटने से फैलने वाली इस बीमारी से अब तक तीन महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि एक व्यक्ति अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज जारी है। हेल्थ विशेषज्ञों के मुताबिक इस बीमारी की चपेट में आने वाले मरीजों में तेज बुखार, उल्टी, सिरदर्द, शरीर दर्द, थकान और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। समय पर इलाज न मिलने पर यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। यह बीमारी नई नहीं है, बल्कि सालों से आंध्र प्रदेश में हर साल इसके सैकड़ों मामले सामने आते रहे हैं। राज्य की हेल्थ अथॉरिटी के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2023 में स्क्रब टाइफस के 579 मामलों की पुष्टि हुई थी, जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 803 तक पहुंच गया। 2025 में 30 नवंबर तक 736 लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं और अनुमान है कि दिसंबर के अंत तक मरीजों की संख्या में और तेजी से इजाफा हो सकता है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री वाई सत्यकुमार यादव ने लोगों से डरने के बजाय सावधानी बरतने की अपील की है और कहा है कि यह बीमारी मलेरिया और डेंगू जैसी है, जिसका इलाज संभव है। विशेषज्ञों के मुताबिक स्क्रब टाइफस एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्टीरिया से फैलता है। यह बैक्टीरिया सीधे इंसानों में नहीं पहुंचता, बल्कि चिगर्स या लार्वल माइट्स नामक छोटे कीड़ों के काटने से शरीर में प्रवेश करता है। रिपोर्ट के मुताबिक कीड़े के काटने के 6 से 10 दिन बाद बीमारी के लक्षण प्रकट होते हैं। कई बार जहां कीड़े ने काटा होता है वहां काले रंग का घाव दिखाई देता है, जिसे पहचानने में डॉक्टरों को काफी मदद मिलती है। गंभीर स्थिति में यह संक्रमण फेफड़ों, किडनी और मस्तिष्क तक भी फैल सकता है। इलाज में आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाएं जैसे डॉक्सीसाइक्लिन दी जाती हैं, लेकिन इनका सेवन सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। रोकथाम के लिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि घास या खेतों में जाते समय फुल-स्लीव कपड़े पहनें, पैरों को पूरी तरह ढकें और कीड़ों से बचने वाले रिपेलेंट का इस्तेमाल करें। घर और आसपास की झाड़ियों को साफ रखें और खेतों में काम करते समय विशेष सावधानी बरतें। समय पर पहचान और सही उपचार से स्क्रब टाइफस से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है, इसलिए बीमारी के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सिराज/ईएमएस 06 दिसंबर 2025