गंभीर एवं सनसनीखेज प्रकरणों की श्रेणी में शामिल था प्रकरण इन्दौर (ईएमएस) विशेष अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट क्षिप्रा पटेल की कोर्ट ने मासूम के साथ दुष्कर्म और हत्या के प्रयास के प्रकरण में सुनवाई उपरांत आरोपी दिनेश उम्र अड़तीस साल निवासी ग्राम करिददा बाग जिला धार को दोषी करार देते पॉक्सो एक्ट की तीन धाराओं और हत्या के प्रयास की धारा (307) में एक बार सहित कुल चार बार उम्र कैद एवं अपहरण की धारा 366 के तहत पांच वर्ष की कैद की सजा के सात कुल 42 हजार रुपए अर्थदंड की सजा से दंडित करने के साथ पीडित प्रतिकर योजना के तहत पीड़िता को तीन लाख रूपए की राशि देने की अनुशंसा की। प्रकरण में अभियोजन पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर, एवं विशेष लोक अभियोजक प्रीति अग्रवाल ने की। जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजेंद्र सिंह भदौरिया के अनुसार गंभीर एवं सनसनीखेज प्रकरणों की श्रेणी में शामिल इस प्रकरण में ट्रायल के दौरान अभियोजन की ओर से 31 गवाहों के साक्ष्य कराए गए। जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दे उक्त सजा से दंडित करते हुए टिप्पणी की कि अभियुक्त द्वारा दो वर्षीय मासूम बालिका को उसके घर से उठाकर उसके साथ दुष्कर्म की घटना कारित की। साथ ही उसे गंभीर चोंटे दीं जो अभियुक्त की आपराधिक कुंठित मानसिकता को दर्शाता है। वर्तमान परिवेश में महिलाएं न केवल घर के बाहर बल्कि घर के अंदर भी असुरक्षित है। ऐसी स्थिति में अभियुक्त को कम से कम दंड दिया जाना न्यायोचित एवं विधिपूर्ण नहीं है। अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 13 अक्टूबर 2022 को सुबह लगभग 05:00 बजे चंदन नगर थाने में मासूम बच्ची के पिता ने आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह एक निर्माणाधीन मकान में लगभग 01 वर्ष से चौकीदारी करते मकान के बाहर वाले कमरे में अपनी पत्नी व दो बच्चों उम्र 04 वर्ष, 02 वर्ष के साथ रहता है। कमरे में दरवाजे नहीं लगे हैं। कल अर्थात 12 अक्टूबर को रात में वह परिवार के साथ अपने मकान में सो रहा था। उसकी पत्नी के साथ उसके दोनों बच्चे एक पलंग पर सो रहे थे और वह दूसरे पलंग पर सो रहा था तभी रात्रि के समय लगभग 01:30 बजे घर के चौखट में लगे पटिये के गिरने की आवाज सुनकर उसकी नींद खुली तो देखा कि घर के चौखट की पटिया गिरी हुई थी। वह पटिया दरवाजे के पास वापस रखकर सो गया। फिर 02:00 बजे उसकी पत्नी ने उसे उठाकर बताया कि उसकी पुत्री उम्र 02 वर्ष घर में नहीं है। उसने व उसकी पत्नी ने उसकी आसपास तलाश की, किंतु उसका कोई पता नहीं चला। शिकायत के बाद चंदननगर थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 363 में एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू की।इस दौरान डायल-100 टीम के सिपाही अभिनव सेन को झाड़ियों के पास घायल अवस्था में मासूम बच्ची बरामद हुई। जिसकी मौके पर पहुंचे उसके माता-पिता के द्वारा पहचान की गई। पुलिस ने घटना स्थल के आसपास स्थित सी.सी.टी.वी. फुटेज की रिकार्डिंग चेक की तो उन्हें एक ट्रक बच्ची के घर जाते हुए एवं वापस आते हुए दिखाई दिया। फुटेज के आधार पर ही ट्रक ड्राइवर की पहचान बच्ची के पिता से कराए जाने पर उसके द्वारा दिनेश डाबर के रूप में की गई जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर उसका मेडिकल परीक्षण कर डीएनए जांच करवाई गई जो धनात्मक पाई गई। विवेचना उपरांत प्रकरण चालान कोर्ट में पेश किया गया जिस पर सुनवाई करते कोर्ट ने उक्त निर्णय सुनाया।