राष्ट्रीय
06-Dec-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। आज का भारत हाई-स्पीड ट्रेनों और तेज हवाई यात्राओं के सपनों में उड़ान भरने को बेताब है, आजकल एयर ट्रैवल के गंभीर संकट से जूझ रहा है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के लगातार उड़ान रद्द होने से लाखों यात्री फंस चुके हैं। नवंबर 2025 में ही 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, और दिसंबर के पहले सप्ताह में यह संख्या 1,500 को पार कर गई। एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की भारी भीड़, देरी, और कैंसिलेशन की खबरों ने रेलवे स्टेशनों जैसी अफरा-तफरी पैदा कर दी है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता जैसे प्रमुख हब्स पर यात्री घंटों इंतजार करते नजर आ रहे हैं, जबकि इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस 84 प्रतिशत से गिरकर मात्र 35 प्रतिशत रह गया है। इस संकट की जड़ें गहरी हैं। इंडिगो, जो भारत में 60 प्रतिशत से अधिक अंतर्देशीय उड़ानें संचालित करती है, पहले से ही तकनीकी खराबियां, सर्दी की नई शेड्यूल, एयरपोर्ट कंजेशन, और प्रतिकूल मौसम से जूझ रही थी। लेकिन असली झटका तब लगा जब डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने नवंबर 1, 2025 से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों का दूसरा चरण लागू किया। ये नियम पायलट थकान को रोकने के लिए डिजाइन किए गए हैं, जो एविएशन सेफ्टी का प्रमुख खतरा है। दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर लागू हुए इन नियमों में साप्ताहिक आराम को 36 से बढ़ाकर 48 घंटे किया गया, रात्रि ड्यूटी की परिभाषा को रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक विस्तारित किया गया, और प्रति सप्ताह रात्रि लैंडिंग्स को 6 से घटाकर 2 कर दिया। साथ ही, लगातार दो से अधिक रात्रि ड्यूटियां प्रतिबंधित हैं। इन बदलावों ने इंडिगो के लिए संकट खड़ा कर दिया। पहले से ही स्टाफ की कमी झेल रही एयरलाइन को अतिरिक्त पायलटों की जरूरत पड़ी। अक्टूबर में 2,186 कैप्टन की जरूरत थी, जो नवंबर में 2,422 हो गई। लेकिन इंडिगो ने पर्याप्त भर्ती या ट्रेनिंग नहीं की। परिणामस्वरूप, सैकड़ों पायलट अनिवार्य आराम पर चले गए, जिससे क्रू शॉर्टेज हो गया। लगभग 62 प्रतिशत कैंसिलेशन इसी कारण हुए। एयरबस ए320 विमानों में सॉफ्टवेयर ग्लिच ने रात 12 बजे के बाद उड़ानों को और प्रभावित किया। विंटर शेड्यूल शुरू होते ही, जब यात्रियों की संख्या चरम पर थी, यह समस्या विस्फोटक हो गई। इंडिगो का विशाल नेटवर्क ही इसका अभिशाप बन गया। अन्य एयरलाइंस जैसे एयर इंडिया ने भी प्रभाव महसूस किया, लेकिन इंडिगो की हिस्सेदारी अधिक होने से प्रभाव ज्यादा पड़ा। एयरलाइन ने डैम्प-लीज एयरक्राफ्ट जोड़े, लेकिन यह पर्याप्त न था। पायलट यूनियंस नाराज हैं। एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स का आरोप है कि इंडिगो ने दो साल की तैयारी के बावजूद हायरिंग फ्रीज लगाया, पाय स्ट्रक्चर फ्रीज रखा, और नॉन-पूचिंग एग्रीमेंट्स किए। वे कहते हैं कि यह सुरक्षा को खतरे में डालने वाली रणनीति है, और कैंसिलेशन दबाव बनाने का हथकंडा हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इंडिगो ने नियमों को कमजोर करने के लिए जानबूझकर संकट बढ़ाया। डीजीसीए चीफ ने पायलटों से सहयोग की अपील की, लेकिन यूनियंस इसे असुरक्षित छूट बता रही हैं। संकट का सबसे ज्यादा असर आम यात्री पर पड़ रहा। हजारों लोग फंसे, होटल बुकिंग्स बढ़ीं, और वैकल्पिक ट्रैवल ऑप्शंस जैसे ट्रेनें बुक हो गईं। इंडिगो सीईओ ने माफी मांगी, कहा स्थिति 10-15 दिसंबर तक सामान्य हो सकती है, लेकिन पूर्ण स्थिरता फरवरी 2026 तक। सरकार ने मीटिंग बुलाई, और डीजीसीए जांच कर रही। वीरेंद्र/ईएमएस/06दिसंबर2025 ------------------------------------