* बनासकांठा में विकास का नया अध्याय : किसानों को अतिरिक्त आय, स्वच्छ ऊर्जा और उर्वर भूमि का मिलेगा लाभ बनासकांठा (ईएमएस)| उत्तर गुजरात के बनासकांठा जिले के विकास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया है। आगथरा में स्थापित “बनास बायो-सीएनजी – बनास मॉडल” प्लांट का केंद्रीय गृह एवं सहकार मंत्री अमित शाह ने पट्टिका अनावरण कर लोकार्पण किया। उन्होंने पूरे प्लांट का दौरा कर उसकी कार्यप्रणाली की जानकारी ली। इस अवसर पर अमित शाह ने बनास डेयरी से जुड़ी पशुपालक महिलाओं से खेती, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, आलू की खेती और अलसी उत्पादन जैसे मुद्दों पर संवाद भी किया। इस परियोजना के शुभारंभ से डेयरी आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है। प्लांट से किसानों को अतिरिक्त आय, स्वच्छ ऊर्जा और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार जैसी कई सुविधाएँ प्राप्त होंगी। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी, मंत्री स्वरूपजी ठाकोर तथा पूर्व सांसद परबत पटेल उपस्थित थे। “बायो-CNG – बनास मॉडल” प्लांट की प्रमुख विशेषताएँ * गाय के गोबर की सीधी खरीद प्लांट में गाय का गोबर 1 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जाता है। अब तक 5.5 करोड़ किलो गोबर खरीदा जा चुका है, जिससे 30 किमी के दायरे में किसानों को स्थायी अतिरिक्त आय मिली है। * दैनिक क्षमता और लाभ क्षेत्र आगथरा बायोगैस प्लांट प्रतिदिन 1,00,000 किलो गोबर का प्रसंस्करण करता है, जिसका सीधा लाभ 30 किमी तक के किसानों को मिलता है। * बायो-सीएनजी उत्पादन प्लांट प्रतिदिन 1,900 किलो बायो-सीएनजी तैयार करता है। ऑन-साइट पंप पर यह गैस बाजार मूल्य से 2 रुपये कम दर पर उपलब्ध कराई जाती है। * ‘भूमि अमृत’ – उच्च गुणवत्ता वाले कार्बनिक उर्वरक प्रसंस्कृत स्लरी से ‘भूमि अमृत’ नामक प्रमाणित तरल और ठोस जैविक उर्वरक तैयार किए जाते हैं। इससे मिट्टी का स्वास्थ्य सुधरता है, उत्पादन क्षमता बढ़ती है और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होती है। * कार्बन उत्सर्जन में कमी 58 करोड़ रुपये के निवेश और 12 करोड़ रुपये के वार्षिक संचालन खर्च वाले इस प्लांट से प्रतिवर्ष 6,750 टन CO₂ समकक्ष उत्सर्जन में कमी आती है। * भविष्य की योजना वर्तमान में 5 और प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। जल्द ही बनासकांठा में कुल 25 प्लांट शुरू करने का लक्ष्य है, जिससे यह जिला ऑर्गेनिक खेती, कचरा प्रबंधन और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी मॉडल बनेगा। * किसानों के लिए विशेष लाभ यह परियोजना गाय के गोबर से अतिरिक्त आय प्रदान करने के साथ-साथ डेयरी कचरे को मूल्यवर्धित उत्पादों में बदलकर एक उत्कृष्ट परिपत्र अर्थव्यवस्था का निर्माण करती है। ‘भूमि अमृत’ के उपयोग से मिट्टी का पोषण बना रहता है और उच्च उपज प्राप्त होती है। प्रतिदिन उत्पन्न बायो-CNG स्वच्छ ऊर्जा का सशक्त विकल्प प्रस्तुत करती है। यह प्लांट बनासकांठा के सतत विकास, गौ-आधारित अर्थतंत्र और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनूठा कदम साबित हो रहा है, जिसे सही मायने में “बनास मॉडल” कहा जा सकता है। सतीश/06 दिसंबर