वास्तविकता इसके ठीक विपरीत नईदिल्ली (ईएमएस)। भारत सरकार ने संसद में दावा किया है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देश भर के प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। मध्य प्रदेश ने 98 फ़ीसदी लक्ष्य हासिल किया है। वहीं महाराष्ट्र में 95 फ़ीसदी प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। इन दोनों राज्यों ने सबसे पहले और सबसे तेज गति से स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पूरे किए हैं। संसद में जानकारी देते हुए सरकार की ओर से बताया गया है।देशभर में 8083 प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के शुरू किए गए थे। इसमें से 7636 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के 82 प्रोजेक्ट थे। जो पूरे हो गए हैं। केंद्र सरकार ने इसमें 490 करोड रुपए का अनुदान दिया है। सरकार ने यह भी जानकारी दी है, इन प्रोजेक्ट पर अभी तक 2791 करोड रुपए खर्च हो चुके हैं। स्मार्ट सिटी की वास्तविकता? टीटी नगर के स्मार्ट सिटी एरिया का बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर का काम अधूरा पड़ा हुआ है। नॉर्थ और साउथ टीटी नगर की 342 एकड़ जमीन को आधुनिक शहरी क्षेत्र में बदलना था। अभी आधे से अधिक जमीन पर कोई काम ही नहीं हुआ। मेनिट के प्लानिंग एवं डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के डीन डॉक्टर केके धोटे ने कहा है, स्मार्ट सिटी मिशन की मूल अवधारणा, कचरा कलेक्शन, सीवेज, पानी सप्लाई, ट्रैफिक कंट्रोल, बिजली सप्लाई तथा स्मार्ट सिटी में इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी का उपयोग किया जाएगा। भोपाल स्मार्ट सिटी में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। स्मार्ट सिटी बनाने के चक्कर में भोपाल की हरियाली जरूर भेंट चढ़ गई। स्मार्ट दशहरा मैदान का प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा हुआ है। गवर्नमेंट हाउसिंग प्रोजेक्ट फेज वन का भी काम पूरा नहीं हुआ है। फेज दो और तीन के तो काम ही शुरू नहीं हुए। स्मार्ट सिटी एरिया के अंदर केवल एक बुलेवर्ड स्ट्रीट तैयार की गई है। अन्य सड़कें आज भी पहले की तरह हैं। स्मार्ट सिटी के बजट से नगर निगम के कुछ प्रोजेक्ट जरूर पूरे किए गए हैं। स्मार्ट सिटी को लेकर संसद में जो जानकारी दी गई है। उसके बाद मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल मैं कहा जा रहा है। कागजों में स्मार्ट सिटी के काम पूरे हो गए हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों का कहना है। जितनी राशि उन्हें अनुदान में मिली थी। उसमें जो काम हो सकते थे, वह पूरे हो गए हैं। अब लैंड मोनेटाइजेशन से जो आय होगी, उससे बाकी बचे प्रोजेक्ट पूरे किए जाएंगे। एस.जे. 06 दिसम्बर, 2025