राज्य
06-Dec-2025


* मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के निर्देश पर कृषि मंत्री जीतू वाघाणी ने दी मंजूरी; वर्षों से लंबित शैक्षणिक पदों की भर्ती पूरी गांधीनगर (ईएमएस)| मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का दृष्टिकोण हमेशा से किसान, शिक्षा और रोजगार केंद्रित रहा है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए राज्य की महत्वाकांक्षी सरदार कृषिनगर दांतीवाडा कृषि विश्वविद्यालय में लंबे समय से खाली पड़ी शैक्षणिक रिक्तियों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरने का निर्णय लिया गया था। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियुक्ति आदेश जारी करने में हुई देरी को लेकर कई परीक्षार्थियों ने राज्य सरकार के समक्ष प्रतिनिधित्व किया था। परीक्षार्थियों की भावना का सम्मान करते हुए और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से चर्चा के बाद कृषि मंत्री जीतू वाघाणी ने भर्ती को मंजूरी प्रदान की, जिसके तहत चयनित 268 उम्मीदवारों को नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए हैं। सरदार कृषिनगर दांतीवाडा कृषि विश्वविद्यालय ने अब तक देश के किसानों के हित में 583 खेत-उपयोगी अनुशंसाएँ, 04 प्राकृतिक कृषि आधारित अनुशंसाएँ, 04 पेटेंट तथा लगभग 68 नई फसल किस्में विकसित की हैं। इससे न केवल कृषि क्षेत्र समृद्ध हुआ है, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति को भी निरंतर गति मिली है। विश्वविद्यालय में लंबे समय से प्रोफेसर और वैज्ञानिकों के पद खाली होने से विद्यार्थियों की शिक्षा और कृषि अनुसंधान कार्य प्रभावित हो रहे थे। इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तुरंत रिक्त पदों को भरने की अनुमति प्रदान की थी। राज्य सरकार की अनुमति के बाद विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर वर्ग के 40, सह-प्रोफेसर वर्ग के 73 और सहायक प्रोफेसर वर्ग के 155—कुल 268 पदों हेतु भर्ती की घोषणा की थी। भर्ती की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने सघन कदम उठाए तथा दो पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी की थी। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियुक्ति आदेश की प्रतीक्षा कर रहे अभ्यर्थियों की प्रस्तुतियों को ध्यान में रखते हुए, पूरी चयन प्रक्रिया और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट की समीक्षा के पश्चात मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के निर्देश और कृषि मंत्री जीतू वाघाणी की अनुशंसा पर भर्ती को अंतिम मंजूरी दी गई। इसके बाद 05 दिसंबर 2025 को 268 चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति आदेश सौंप दिए गए। इस सफल भर्ती से विश्वविद्यालय को योग्य शिक्षण और शोध स्टाफ प्राप्त हुआ है, जिससे कृषि शिक्षा और अनुसंधान को नई ऊर्जा मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप देश के किसानों को आधुनिक कृषि ज्ञान का अधिकतम लाभ मिल सकेगा। यह निर्णय युवा शक्ति और कृषि क्षेत्र के विकास के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है। विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार ने मुख्यमंत्री तथा कृषि मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। सतीश/06 दिसंबर