- निरीक्षण करने पहंुचे अधिकारी। शाजापुर (ईएमएस)। जिले में शैक्षणिक गुणवत्ता और मिशन अंकुर के क्रियान्वयन को लेकर अब शिक्षा विभाग एक्शन मोड में आ गया है। कलेक्टर ऋजु बाफना की मंशा के अनुरूप जब शनिवार को विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के.के. अवस्थी स्कूलों की हकीकत जानने मैदान में उतरे, तो कई चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं। कक्षाओं में छात्रों के शैक्षणिक स्तर की जांच के दौरान जहां लापरवाही मिली, वहां बीईओ ने मौके पर ही जिम्मेदारों को जमकर फटकार लगाई। ट्रेकर से खुली पोल, संस्था प्रधानों पर नाराजगी बीईओ अवस्थी ने माध्यमिक विद्यालय लौंदिया, प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय दिल्लोद और प्राथमिक विद्यालय भालूखेड़ा का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एफ.एल.एन. कक्षा के विद्यार्थियों का निर्धारित ट्रेकर के अनुसार स्तर जांचा। निरीक्षण के दौरान प्राथमिक विद्यालय भालूखेड़ा की स्थिति देख बीईओ ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। यहां कुल 12 दर्ज विद्यार्थियों में से मात्र 5 उपस्थित मिले। हद तो तब हो गई जब अवलोकन के दौरान संस्था में अनिवार्य ट्रेकर ही उपलब्ध नहीं मिला। इस घोर लापरवाही पर संस्था प्रधान को कड़े शब्दों में चेतावनी दी गई। अंधेरे में पढ़ाई पर सवाल, तत्काल सुधार के निर्देश माध्यमिक विद्यालय दिल्लोद के निरीक्षण में पाया गया कि विद्यार्थी कम रोशनी में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बीईओ ने इसे बच्चों की आंखों और स्वास्थ्य के लिए गंभीर मानते हुए संस्था प्रधान को तत्काल प्रकाश की उचित व्यवस्था (लाइटिंग) सुनिश्चित करने के निर्देश प्रसारित किए। जिन विद्यालयों में बच्चों का गुणात्मक स्तर कमजोर मिला, वहां शिक्षकों को अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर बैकलॉग पूरा करने का अल्टीमेटम दिया गया है। इन्होंने किया बेहतरीन कार्य निरीक्षण के दौरान सकारात्मक पहलू भी सामने आए। दिल्लोद स्थित सामाजिक चेतना केंद्र के ग्राम प्रभारी दिलीप मालवीय द्वारा असाक्षर सर्वे का कार्य 100ः पूर्ण कर लिया गया है, जिस पर बीईओ ने उनकी सराहना की। इस अवसर पर साथ मौजूद विकासखंड साक्षरता समन्वयक लोकेश राठौर ने जानकारी दी कि ग्राम लौंदिया में शेष बचे असाक्षर सर्वे को विशेष प्रबंधन के साथ पूर्ण कर लिया जाएगा। विदित हो कि कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में निपुण भारत और मिशन अंकुर के तहत एफ.एल.एन. शिक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। ईएमएस/राजेश कलजोरिया/07 दिसंबर 2025