लंदन (ईएमएस)। भारत के दो वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में इतिहास बना दिया है। जब ब्रह्मांड सिर्फ 1.5 अरब साल का था (यानी आज से 12 अरब साल पहले), तब भी हमारी आकाशगंगा जैसी एक सुंदर, पूरी तरह बनी-बनाई स्पाइरल गैलेक्सी मौजूद थी। यह खोज दुनिया के सबसे ताकतवर जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से हुई है। दरअसल वैज्ञानिकों का पहले मानना था कि बिग बैंग के कुछ सौ मिलियन साल बाद सिर्फ छोटी, अनियमित और उलझी हुई गैलेक्सी ही बन सकी थीं। बड़ी और सुंदर स्पाइरल गैलेक्सी बनने में अरबों साल लगते थे। लेकिन पूणे की राशि जैन और प्रोफेसर योगेश वडाडेकर ने जो गैलेक्सी देखी, पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों की सारी सोच बदल दी। इस गैलेक्सी को भारतीय वैज्ञानिकों ने हिमालय की पवित्र नदी के नाम पर अलकनंदा नाम दिया है। आकार में करीब 30,000 प्रकाश-वर्ष चौड़ी (हमारी मिल्की वे का एक-तिहाई) और तारों की संख्या 1,000 करोड़ (10 बिलियन सूर्य जितने तारे!) जबकि नई तारों की बनने की रफ्तार हमारी आकाशगंगा से 20-30 गुना तेज! कैसे मिली यह गैलेक्सी? राशि जैन (एनसीआरए-टीआईएफआर में पीएचडी कर रही हैं) जेम्स वेब के डेटा में 70000 ऑब्जेक्ट्स देख रही थीं। अचानक एक तस्वीर पर नजर पड़ी-बिल्कुल साफ, सुंदर सर्पिल गैलेक्सी। राशि कहती हैं कि मैं चिल्ला पड़ी। 70000 में सिर्फ एक ही थी जो इतनी परफेक्ट स्पाइरल थी। इसके बाद अपने गुरु प्रो. वडाडेकर को दिखाया तब पहले वे भी यकीन ही नहीं कर सके। प्रो.वडाडेकर ने बताया कि यह नामुमकिन लग रहा था। इतनी जल्दी इतनी बड़ी और सुंदर गैलेक्सी कैसे बन गई? कुछ सौ मिलियन साल में 1,000 करोड़ तारे और सर्पिल भुजाएं बना लेना-ब्रह्मांड के हिसाब से रॉकेट की स्पीड है। ब्रह्मांड की उम्र अभी 13.8 अरब साल है। यह गैलेक्सी हमें उस समय की दिख रही है जब ब्रह्मांड सिर्फ 10 प्रतिशत उम्र का था। पहले मिली पुरानी गैलेक्सी या छोटी थीं या लाल धब्बे जैसी दिखती थीं। अलकनंदा पहली गैलेक्सी है जो साबित करती है कि शुरुआती ब्रह्मांड इतना बच्चा नहीं था, जितना हम सोचते थे। वहां भी बड़े-बड़े और सुंदर ढांचे बन रहे थे। वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब और चिली के टेलीस्कोप से और गहराई से देखने के लिए आवेदन किया है। वे जानना चाहते हैं कि इतनी जल्दी सर्पिल भुजाएं कैसे बनीं? क्या कोई खास वजह थी? प्रो. वडाडेकर मजाक में कहते हैं कि लोग पूछते हैं – अब वह गैलेक्सी कहां है? मैं कहता हूं कि 12 अरब साल बाद बताऊंगा। आशीष/ईएमएस 08 दिसंबर 2025