० उचित दाम नहीं मिलने से पूर्व में निराश रहते थे किसान जगदलपुर (ईएमएस)। बस्तर के किसानों में सूर्यमुखी की खेती को लेकर अब दिलचस्पी दिख रही है। पिछले कुछ सालों में इसका रकबा लगातार कम होता जा रहा था, लेकिन अब फिर से बढ़ने लगा है। दरअसल सूर्यमुखी की यहां अच्छी पैदावार होती है, लेकिन विक्रय करने की समस्या थी। इसके कारण ही किसान सूर्यमुखी की खेती नहीं करते थे, अब बाजार में सूर्यमुखी के बीज की अच्छी डिमांड होने के साथ ही अच्छी कीमत भी मिल रही है। उल्लेखनीय है कि सूर्यमुखी की खेती के लिए किसानों को बहुत ही कम लागत आती है और मुनाफा अधिक मिलता है। बावजूद इसकी खेती करने किसान आगे नहीं आ रहे हैं। सूर्यमुखी की खेती के लिए पानी की भी बहुत ही कम जरूरत पड़ती है। कृषि विभाग के मुताबिक जिले में 2017-18 में 575 हेक्टेयर में सूर्यमुखी की खेती गयी थी। 2018-19 में 998, 2019-20 में 282, 2020-21 में 278, 2021-22 में 77 हेक्टेयर में सिमटकर रह गया था, वहीं 2022-23 में 100 हेक्टेयर व 2024-25 में 500 हेक्टेयर और इस सीजन में 400 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है सूर्यमुखी का बीज प्रतिकिलो 3 हजार रूपए तक में बिकता है, लेकिन किसानों को विक्रय करने व्यापारियों को खोजना पड़ता है। सूर्यमुखी के बीज से तेल निकाला जाता है, जो कि बाजार में काफी महंगा बिकता है। बताया गया है कि सूर्यमुखी के तेल को लोग दवा के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं। फैट कम होने की वजह से खाने के लिए भी इसे सुरक्षित माना जाता है। सुधीर जैन/चंद्राकर/8 दिसंबर 2025