नई दिल्ली (ईएमएस)। व्यायाम के बाद स्नान करने का आदर्श समय कम से कम 30 मिनट माना गया है। जिम या सुबह की एक्सरसाइज के बाद तुरंत नहाना आम आदत बन गई है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार यह आदत स्वास्थ्य के लिए सही नहीं मानी जाती। आयुर्वेद में नहाना केवल शरीर की सफाई नहीं, बल्कि एक तरह का ध्यान और वेलनेस रिचुअल माना गया है, जो शरीर और मानसिक संतुलन दोनों के लिए लाभकारी होता है। व्यायाम के तुरंत बाद नहाने से शरीर का तापमान अचानक बदल जाता है। इससे मांसपेशियों में जकड़न, सिरदर्द, थकान और कभी-कभी चक्कर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पसीने से भरे शरीर पर अचानक ठंडे या गुनगुने पानी का प्रभाव स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। वहीं, आधे घंटे तक आराम करने के बाद स्नान करने से शरीर को प्राकृतिक रूप से ठंडा होने का समय मिलता है और कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। यह आदत नींद को गहरी बनाने में मदद करती है, बालों का झड़ना और रूखापन कम करती है, त्वचा में चमक लाती है और मांसपेशियों को रिलैक्स करती है। साथ ही, पसीने की बदबू पूरी तरह खत्म होती है और मानसिक शांति भी मिलती है। योग और स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि व्यायाम के बाद शरीर को सामान्य तापमान पर आने देना अत्यंत आवश्यक है। इस दौरान हल्का पानी पीना चाहिए, 10-15 मिनट आराम करना चाहिए और सांसों को सामान्य करना चाहिए। इसके बाद गुनगुने पानी से स्नान करना लाभकारी होता है। ठंडा पानी तुरंत इस्तेमाल करना विशेषकर सर्दियों में नुकसानदेह हो सकता है। आयुर्वेद के जानकार सुझाव देते हैं कि नहाते समय गहरी सांस लें, पानी को धीरे-धीरे शरीर पर बहने दें और मन को शांत रखें। यह प्रक्रिया न सिर्फ शरीर, बल्कि दिमाग को भी पूरी तरह ताजगी प्रदान करती है। स्नान के दौरान मानसिक संतुलन बनाए रखना भी आवश्यक है। गहरी सांसों के साथ पानी के स्पर्श को महसूस करना शरीर और मन दोनों के लिए लाभकारी होता है। व्यायाम के बाद आधे घंटे का अंतराल शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है और मांसपेशियों के आराम के लिए समय देता है। आयुर्वेद के अनुसार यह रूटीन पूरे शरीर की सक्रियता, ऊर्जा और मानसिक ताजगी बनाए रखने में मदद करता है। इस प्रकार, व्यायाम के बाद तुरंत नहाने की बजाय थोड़ा इंतजार करना और गुनगुने पानी से स्नान करना न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। सुदामा/ईएमएस 09 दिसंबर 2025