राज्य
09-Dec-2025
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- ईओडब्ल्यू ने बैंक कर्मचारियों उनके परिचितों पर दर्ज की एफआईआर - एटीएम कार्ड और फायनेंस सिस्टम में लूपहोल बनाकर किया 44 लाख का गबन - ईओडब्ल्यू ने 7 आरोपियों को किया नामजद - आरोपियो में दो बैंक कर्मचारी भी शामिल - आरोपियो के बीच 70 और 30 के अनुपात में बाँटा गया गबन का पैसा भोपाल(ईएमएस)। सरकारी पेंशन खातों में बड़े घोटाले का राजफाश करते हएु ईओडब्ल्यू ने जॉच के बाद बैंक कर्मचारियों और उनके परिचितों सहित 7 नामजद आरोपियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोपियेा ने एटीएम कार्ड और फायनेंस सिस्टम का दुरुपयोग कर 44 लाख 11 हजार का गबन किया था। आरोपियो में दो बैंक कर्मचारी भी शामिल है, हेराफेरी का पैसा आरोपियो के बीच गबन का पैसा 70 और 30 प्रतिशत के अनुपात में बाँटा गया था। * बैंक ऑफ इंडिया की भोपाल जोन से मिली थी शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार विभाग को बैंक ऑफ इंडिया, भोपाल जोन की और से इस संबध में शिकायत की गई थी। शिकायत की जाँच के बाद बैंक के दो कर्मचारियों तथा पाँच सह-आरोपियो, खाताधारकों द्वारा की गई एक संगठित बैंक धोखाधड़ी का पर्दाफाश हो गया। यह धोखाधड़ी बैंक की कई ब्रांचो जिसमें कैटेगराइज्ड मार्केट ब्रांच, हमीदिया रोड, एम.पी. नगर, भेल एरिया, प्रोफेसर्स कॉलोनी, सैफिया कॉलेज सहित कुल सात से अधिक शाखाओं में सालो तक संचालित की जाती बैंक के दो कर्मचारियों ने पाँच खाता धारकों की मिलीभगत से उन बचत खातों को निशाना बनाया जिनमें शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं राहत राशि जमा होती थी। और जो लंबे समय से उपयोग न होने के कारण डोरमेंट स्थिति में थे। * डोरमेंट एकांउट को एक्टिवेट कर किया फर्जीवाड़ा आरोपी कर्मचारियों ने फिनैकल प्रणाली में अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर इन निष्क्रिय खातों को अवैध रूप से एक्टिव किया। इसके बाद इसमें जमा रकम को अपने परिचितों के खातों में ट्रांसफर किया और एटीएम कार्डों के जरिये लगातार नकद रकम निकाल कर इस गबन की रकम की बंदरबॉट आपस मेंर करते रहे। टीम को जॉच के दौरान बैंक द्वारा दिये गए दस्तावेज़, ट्रांजैक्शन विवरण, विजिलेंस रिपोर्ट, विभागीय कार्रवाई और प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया की यह धोखाधड़ी तीन सालो से अधिक समय तक कई शाखाओं में लगातार चलती रही। बैंक की इस गंभीर शिकायत और सौंपे गये साक्ष्यों के आधार पर ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद मामला कायम किया है। * कई ब्रांचो में तीन सालो से कर रहे थे गोलमाल योजना बनाकर किया गया अपराध जांच में सामने आया की आरोपियों ने पहले तो फिनैकल सिस्टम की अपनी लॉगिन आईडी तथा अन्य कर्मचारियों की आईडी का दुरुपयोग कर डोरमेंट खातों को अवैध रूप से एक्टिव किया। फिर उन खातों की रकम को अपने परिचितों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद एटीएम कार्डों से नकद निकालकर आपस में बाँट लिया। जांच में यह भी सामने आया कि यह धोखाधड़ी एक-दो खातों तक सीमित नहीं थी, बल्कि कई शाखाओं में लगभग तीन सालो तक लगातार चलती रही। जांच के दौरान उपलब्ध दस्तावेजों से यह साफ हुा की आरोपी बैंक कर्मचारियों ने अन्य सह खाताधाराक आरोपियेा के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से सरकारी धन का गबन किया है। * दो कर्मचारियो ने अकांउट एक्टिव करने के लिये किया हेरफेर जांच में पता चला की बैंक के कर्मचारियों द्वारा उन खातों में वित्तीय अनियमितताएँ पाई गई हैं, जिनमें शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राहत राशि तथा अन्य सरकारी सहायता जमा होती थी। ये खाते लंबे समय तक संचालन न होने के कारण डोरमेंट स्थिति में चले गए थे, और इन खातों में मोबाइल नंबर भी अद्यतन नहीं थे। शिकायत के अनुसार बैंक कर्मचारी दीपक जैन (विशेष सहायक) तथा अजय सिंह परिहार (स्टाफ क्लर्क) ने अपनी पदस्थापना का दुरुपयोग करते हुए योजना बद्ध तरीके से इन डोरमेंट खातों को फिनैकल सिस्टम की आईडी के दुरुपयोग से एक्टिव कर बड़ी मात्रा में राशि का गबन किया। * एक कर्मचार एंट्री करता, दूसरा वैरिफाई कर देता दोनों कर्मचारियों ने बैंक नियमों के विपरीत काम किया। जहाँ एक कर्मचारी एंट्री करता और दूसरा उसे वैरिफाई करता है। दोनो ने अपनी पर्सनल आईडी का उपयोग कर एक-दूसरे के लेनदेन को सत्यापित किया। और खाते एक्टिव होते ही उनकी जमा राशि को चार अन्य परिचित खाताधारकों, खुशबू खॉन, कल्पना जैन, ललिता ठाकुर और अफरोज खान के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया। इन सभी के एटीएम कार्ड आरोपी दीपक जैन के पास थे, जिसके माध्यम से नियमित रूप से नगद रकम निकाली जाती रही। आरोपियों के बीच गबन की रकम का बँटवारा 70:30 के अनुपात में किया जाता था। यह धोखाधड़ी लगभग तीन सालो (जनवरी 2016 से मार्च 2019) तक कई शाखाओं में चलती रही और दोनो आरोपी बैंक कर्मचारियो द्वारा कई शाखाओ के 227 बचत खातों से लगभग 44 लाख 11 हजार की रकम अवैध रूप से डेबिट की गई। * महिला के मृत पति के एकांउट से रकम निकाली गई जॉच में सामने आया की 18 मार्च 2019 को सैफिया कॉलेज शाखा में एक महिला भगवती देवी ने अपने मृत पति के खाते से अवैध ढंग से पैसै निकाने जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। शाखा प्रबंधक द्वारा आंतरिक जाँच में पाया गया कि संदिग्ध लेनदेन अजय सिंह परिहार एवं दीपक जैन द्वारा किया गया है। इसके बाद मामला आला अधिकारियों तक पहुँचाया गया, जहाँ बैंक की विजिलेंस यूनिट एवं विभागीय जाँच में बड़े पैमाने पर की गई गड़बड़ी उजागर हो गईं। * मास्टरमांइड दोनो आरोपी कर्मचारियो ने इस तरह दिया अंजाम आरोपी दीपक जैन और अजय परिहार ने बैंक की अनेक ब्रांचो के 212 डोरमेंट एकांउट को अवैध रूप से एक्टिव किया। इनमें से 64 खाते दीपक जैन ने स्वयं अपने सहकर्मियों की आईडी का दुरुपयोग कर सक्रिय किए। आरोपियों ने चार परिचित खातों में राशि ट्रांसफर कर उनके एटीएम काडों से रकम निकाली। दीपक जैन एवं उनकी पत्नी हेमलता जैन के निजी खातों में बड़ी मात्रा में अवैध नकद जमा किये जाने सहित संदिग्ध लेनदेन पाए गए। वहीं अजय परिहार के खातों में भी कई बड़ी राशि के संदिग्ध ट्रांजैक्शन मिले। जाँच में यह भी पाया गया कि आरोपियों ने अपनी पहचान छिपाकर एवं सहकर्मियों की आईडी का दुरुपयोग कर सायबर फ्रॉड, गबन सहित अन्य गंभीर अपराधों को अंजाम दिया है। * ईओडब्ल्यू जाँच के बाद इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर जाँच में आरोप सिद्ध होने पर 9 दिसंबर 2025 को ईओडब्ल्यू द्वारा आरोपी दीपक जैन, अजय सिंह परिहार, खुशबू खान, अफरोज खान, ललिता ठाकुर, कल्पना जैन, हेमलता जैन तथा अन्य संभावित सह-आरोपियो के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, आपराधिक साजिश, पहचान-डेटा का दुरुपयोग एवं साइबर धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। जुनेद / 9 दिसंबर