मंडला (ईएमएस)। यह कहानी है जिले के नारायणगंज ब्लॉक के खैरी गांव से आने वाली कविता चक्रवर्ती की, जिसने जीवन की कठिन परिस्थितियों और आर्थिक अभावों के बीच भी अपने सपनों को टूटने नहीं दिया। पिता बढ़ई और माँ गृहिणी होने के कारण घर की आर्थिक स्थिति हमेशा उसकी उच्च शिक्षा की राह में बाधा बनकर खड़ी रही। 12वीं सरकारी स्कूल से और मंडला से बीएससी पूरा करने के बाद भी मास्टर्स करने की उसकी इच्छा पैसों की कमी और सामाजिक बंदिशों के कारण पूरी नहीं हो पा रही थी। बताया गया कि अपने संघर्ष के बीच कविता को प्रदान, आदित्य बिड़ला कैपिटल फाउंडेशन और एसआरएलएम द्वारा संचालित उड़ान फेलोशिप के बारे में जानकारी मिली। यह दो महीने की फेलोशिप उसके जीवन की दिशा बदलने वाली साबित हुई। फेलोशिप के दौरान कविता को डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, एसएचजी महिलाओं के साथ काम करने का अनुभव, भावनात्मक और सामाजिक संवेदनशीलता पर सत्र, और व्यापक करियर गाइडेंस मिला, जिससे उसके आत्मविश्वास को नई ऊर्जा मिली। प्रदान नारायणगंज उड़ान की कोऑर्डिनेटर अस्मिता झरिया ने कविता के भीतर की क्षमता को पहचानते हुए कहा था कि कविता में नेतृत्व की आग है, बस उसे सही दिशा चाहिए। फेलोशिप टीम ने उसके परिवार से गहन काउंसलिंग की, जिससे धीरे-धीरे परिवार ने भी कविता के सपने को अपनाना शुरू कर दिया। परिवार की सकारात्मकता और भरोसे ने कविता के सफर का एक अहम मोड़ तय किया। उड़ान फेलोशिप के दौरान ही कविता को शिव नादर यूनिवर्सिटी के ग्रामीण विकास में परा स्नातक कार्यक्रम के बारे में पता चला। आवेदन प्रक्रिया, दस्तावेज जुटाना, और ऑनलाइन इंटरव्यू की तैयारी उसके लिए एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन प्रदान और एसआरएलएम की टीम के मार्गदर्शन और सहयोग ने उसे इस चुनौती का सामना करने में मदद की। कुछ कर दिखाने की चाह आज कविता दिल्ली में शिव नादर यूनिवर्सिटी में नेतृत्व, संवाद क्षमता, समाज कार्य और जीवन कौशल से जुड़े महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त कर रही है, जो उसे भविष्य में आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाएंगे। वह अक्सर कहती है मेरी माँ को एक दिन यह महसूस होना चाहिए कि उनकी बेटी ने वाकई कुछ कर दिखाया। कविता की यह प्रेरणादायक यात्रा साबित करती है कि अगर ग्रामीण परिवेश की किसी लड़की को सही दिशा और अवसर मिल जाए, तो वह न सिर्फ अपनी जिंदगी, बल्कि अपने पूरे समुदाय के भविष्य को भी रोशन कर सकती है। EMSINDIA.COM