कंपनी पर प्रस्ताव पर सुझाव और आपत्ति के लिए होगी जनसुनवाई भोपाल (ईएमएस)। मध्यप्रदेश की पावर जनरेशन कंपनी ने मप्र विद्युत नियामक आयोग के समक्ष बिजली दरों में 10 प्रतिशत तक इजाफे का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। प्रस्ताव पर सुझाव और आपत्तियां लेने के लिए जन सुनवाई आयोजित करने की तैयारी चल रही है। जन सुनवाई के दौरान नियामक आयोग आम जनता और हितधारकों की आपत्तियाँ सुनने के बाद ही अंतिम निर्णय देगा। फिलहाल प्रस्ताव ने उपभोक्ताओं में नए साल के बिलों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। नियामक आयोग मुख्यालय में दायर याचिका में कंपनी ने दावा किया कि लगातार बढ़ रहे लाइन लॉस और वित्तीय दबाव के कारण दरों में संशोधन आवश्यक हो गया है। सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्तावित बढ़ोतरी की सीमा 10प्रतिशत तक हो सकती है, हालांकि अंतिम निर्णय जन सुनवाई के बाद ही होगा। आयोग के सूत्रों का कहना है कि कंपनी के प्रस्ताव पर प्रारंभिक अध्ययन के बाद आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। पहली सुनवाई 15 दिसंबर को होने की संभावना है, हालांकि आयोग की ओर से इसका औपचारिक कार्यक्रम अभी जारी नहीं हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। इस साल अप्रैल से ही उपभोक्ता पहले से बढ़े हुए टैरिफ का भुगतान कर रहे हैं। बीते वित्तीय वर्ष में कंपनियों ने 7.52प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की थी, लेकिन आयोग ने केवल 3.46प्रतिशत वृद्धि की मंजूरी दी थी। यही कारण है कि घरेलू, गैर-घरेलू और कृषि श्रेणियों में प्रति यूनिट दरें कुछ पैसों की वृद्धि के साथ लागू हुईं और फिक्स चार्ज भी बढ़ाए गए। पिछले दो वर्ष 2024 में लोकसभा और 2023 में विधानसभा चुनाव हुए, जिसके चलते आयोग ने दर बढ़ोतरी पर सख्ती दिखाई थी। 2024 में 3.86 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग के मुकाबले मात्र 0.7प्रतिशत और 2023 में 3.20प्रतिशत की तुलना में केवल 1.65प्रतिशत बढ़ोतरी को मंजूरी मिली थी। प्रदेश में सहकारिता चुनाव भी प्रस्तावित हैं, ऐसे में राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए आयोग बड़ी राहत देने की संभावना कम लग रही है। सुदामा नरवरे/10 दिसंबर 2025