राज्य
10-Dec-2025
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मुंबई, (ईएमएस)।‎ पुणे के मुंढवा में 40 एकड़ ज़मीन घोटाले के मामले में दर्ज एफआईआर में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार का नाम क्यों नहीं है? यह सवाल पूछा ने बॉम्बे हाई कोर्ट ने। दरसल यही सवाल पिछले एक महीने से सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया और विपक्षी दल राज्य सरकार और पुलिस से पूछ रहे हैं अब हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार से यही सवाल पूछा है। मालूम हो कि पुणे पुलिस ने मुंढवा में अरबों रूपये के ज़मीन घोटाला मामले में आरोपी शीतल तेजवानी को गिरफ़्तार किया है। शीतल तेजवानी इस मामले में मुख्य आरोपी हैं और उनसे पूछताछ भी हुई थी। यह ज़मीन उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी के लिए खरीदी गई थी। इसमें, मामले की जांच की रफ़्तार बढ़ाने के बाद, पुलिस ने मुख्य सूत्रधार शीतल तेजवानी से दो बार पूछताछ की थी। आखिरकार, यह साफ होने के बाद कि वह सीधे तौर पर इस घोटाले में शामिल थी, उसकी गिरफ्तारी की गई। इसके बाद उसने जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बॉम्बे हाई कोर्ट में मुंढवा जमीन मामले में जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि पार्थ पवार का नाम एफआईआर में क्यों नहीं है। इस बीच, पुणे पुलिस ने कोर्ट में बताया है कि इस मामले में हमारी जांच चल रही है। इस बीच, हाई कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि मुंढवा जमीन घोटाले मामले में गिरफ्तार शीतल तेजवानी सीधे हाई कोर्ट आ गईं, जबकि उन्होंने इस मामले में पुणे सत्र न्यायालय में एंटीसिपेटरी बेल के लिए अर्जी दी थी और कोर्ट ने डिफेंडेंट्स को नोटिस जारी किए थे। वकीलों ने बताया कि हाई कोर्ट की नाराजगी के बाद वे अर्जी वापस ले रहे हैं। हालांकि, इस सुनवाई की वजह से पार्थ पवार का नाम एक बार फिर चर्चा में आ गया है और सवाल यह है कि क्या उनके खिलाफ केस दर्ज होगा, क्या पुलिस एफआईआर में पार्थ पवार का नाम आएगा? स्वेता/संतोष झा- १० दिसंबर/२०२५/ईएमएस