वार्ड नंबर २५ व ३२ में बिना मापदंड ही मनमानी से लगाए जा रहे स्पीड ब्रेकर छिंदवाड़ा (ईएमएस)। नगर पालिक निगम में इन दिनों सब गड़बड़ झाला चल रहा है। कुछ चेहते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए नगर निगम के अधिकारी सारे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए काम कर रहे है। ऐसा ही एक कारनामा इन दिनों वार्ड नंबर २५ व ३२ में नजर आ रहा है। जहां नगर निगम के अधिकारियों ने बिना टेंडर निकाले ही वार्ड में स्पीड बे्रकर को काम एक सत्तादारी नेता के नाम कर दिया है। जिसके बाद नेता ने ठेकेदार से वार्ड में स्पीड बे्रकर लगाने का काम शुरू कर दिया है। जबलपुर एक्सप्रेस द्वारा मंगलवार को इसी संबंध में खबर का प्रकाशन भी किया गया। जिसके बाद नगर निगम ने आनन फानन में टेंडर निकाला, लेकिन इसके बाद भी बड़ा सवाल यह है कि जब नगर निगम द्वारा टेंडर निकाला ही नही गया तो ठेकेदार द्वारा वार्ड में स्पीड बे्रकर किस अधिकारी के कहने पर लगाए जा रहे है। इसका भुगतान कौन करेगा। सूत्रों की माने तो एक सत्ताधारी नेता ने अधिकारियों से सेटिंग कर यह काम अपने चेहते ठेकेदार को दे दिए है। जिसका भुगतान भी नगर निगम द्वारा इसी तरह से सेटिंग के माध्मय से कर दिया जाएगा। गलियों में स्पीड बे्रकर बनाने का नहीं कोई नियम इंडियन रोड कांग्रेस की ओर से देश भर में गति अवरोधकों को लेकर गाइडलाइन बनाई गई है। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि गलियों में गति अवरोधक बनाने का कोई नियम नहीं है। यदि जरूरी होता है तो जिला यातायात सुरक्षा समिति के अनुमोदन के बाद ही मापदंड के अनुसार बनाया जा सकता है। गाइडलाइन के अनुसार गति अवरोधक की अधिकतम ऊंचाई 10 सेमी, लंबाई 3.5 मीटर व वृताकार रेडियस 17 सेमी होना चाहिए। गति अवरोधक के दोनों तरफ 2.2 मीटर का स्लोप दिया जाना चाहिए, ताकि बिना झटका लगे वाहन निकल सके, गति अवरोधक पर थर्मो प्लास्टिक व्हाइट पैंट से पट्टियां बनाई जानी चाहिए, ताकि रात में भी नजर आ सके।वाहन चालक को गति अवरोधक की जानकारी देने के लिए गति अवरोधक से 40 मीटर पहले चेतावनी व संकेतक बोर्ड लगा होना चाहिए। लेकिन वार्ड नंबर २५ व ३२ में ठेकेदार द्वारा इन नियमों को एक किनारे कर काम किया जा रहा है। ईएमएस/ मोहने/ 10 दिसंबर 2025