ज़रा हटके
11-Dec-2025
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लंदन (ईएमएस)। शंघाई, कराची, ढाका, निंगबो और ग्वांगझू जैसे शहर लगातार जमीन धंसने और समुद्र के बढ़ते जलस्तर की चपेट में हैं। हाल ही में एक रिसर्च में चेतावनी दी गई है कि समुद्र के किनारे बसे ये शहर अब सुरक्षित नहीं हैं। वैज्ञानिकों ने इसे एक ‘कॉम्बिनेशन खतरे’ कहा है, जो किसी परमाणु हमले से कम नहीं। दुनिया के कई बड़े और महत्वपूर्ण डेल्टा शहरों के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। अगर इन शहरों ने अपनी सुरक्षा रणनीति नहीं बदली, तो यहां न्यू ऑरलियन्स जैसी तबाही हो सकती है, जैसा 2005 में हरिकेन कैटरीना ने दिखाया था। ताजा अध्ययन में बताया गया है कि शंघाई जैसे शहर सिर्फ ऊंची दीवारों और बांधों के भरोसे नहीं रह सकते। क्लाइमेट चेंज के चलते समुद्री तूफान और ज्वार के स्तर में वृद्धि ने खतरे को कई गुना बढ़ा दिया है। बड़े तूफान के समय यह दीवारें ताश के पत्तों की तरह ढह सकती हैं। इसके बाद आने वाली बाढ़ ‘पोल्डर फ्लड’ कहलाती है। यह सामान्य बाढ़ से अलग होती है, क्योंकि पानी शहर के अंदर फंस जाता है और बाहर नहीं निकल पाता। ‘पोल्डर इफेक्ट’ को समझना बेहद जरूरी है। साधारण बाढ़ में पानी ढलान के कारण बहकर बाहर चला जाता है, लेकिन डेल्टा शहर समुद्र के स्तर से नीचे हैं। जब सुरक्षा दीवारें टूटती हैं, तो शहर एक कटोरे की तरह पानी में डूब जाता है। गुरुत्वाकर्षण के कारण पानी बाहर नहीं निकल पाता। इसे ही पोल्डर इफेक्ट कहा जाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया के प्रोफेसर रॉबर्ट निकोल्स के अनुसार, ‘जब सुरक्षा दीवारें फेल होती हैं तो पोल्डर इफेक्ट की तबाही बहुत खौफनाक होती है।’ रिसर्च में 40 बड़े डेल्टा शहरों की पहचान की गई है, जिनमें करीब 30 करोड़ लोग रहते हैं और सभी ‘कंपाउंड फ्लडिंग’ के खतरे में हैं। सबसे ज्यादा खतरा चीन के शंघाई, निंगबो और ग्वांगझू, म्यांमार के यांगून, बांग्लादेश के ढाका, पाकिस्तान के कराची और अमेरिका के न्यू ऑरलियन्स को है। वैज्ञानिकों ने शंघाई के लिए डिजिटल मॉडल तैयार किया, जिसमें पिछले 50 सालों के तूफानों का डेटा शामिल किया गया। सह-लेखक मिन झांग के अनुसार, साल 2100 तक एक बड़े तूफान में डूबने वाला इलाका 80 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बाढ़ का खतरा सिर्फ दीवारों से कम नहीं होता। ज्वार, समुद्री तूफान, लहरें, नदियों का बहाव और बारिश का एक साथ हमला सबसे खतरनाक होता है। प्रोफेसर निकोल्स कहते हैं, ‘सभी डेल्टा शहर धंस रहे हैं और यह खतरा लगातार बढ़ रहा है। केवल ऊंची दीवारों पर भरोसा करना महंगा और जोखिम भरा है।’ सुदामा/ईएमएस 11 दिसंबर 2025