नई दिल्ली,(ईएमएस)। थाइलैंड में भारतीय एजेंसियों ने गोवा के उस नाइटक्लब के दोनों मालिक भाइयों गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को गिरफ्तार कर लिया है, जहाँ 6 दिसंबर की रात भीषण आग लगने से 25 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। दोनों को जल्द ही भारत लाया जा रहा है और उनके प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विदेश मंत्रालय उनके पासपोर्ट की वैधता भी रद्द करने पर विचार कर रहा है, क्योंकि गोवा सरकार ने इसकी औपचारिक मांग की मांग की है। आग लगते ही दोनों भाई देश छोड़कर भाग गए थे। घटना के महज कुछ घंटों बाद, जब बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को निकालने और आग बुझाने की कोशिश कर रहा था, तब लूथरा ब्रदर्स ने भागने की तैयारी शुरू कर दी थी। जांच में पता चला है कि 7 दिसंबर की रात 1:17 बजे उन्होंने एक ट्रैवल पोर्टल पर थाइलैंड की फ्लाइट बुक की थी। एक अधिकारी ने बताया कि जब फायर ब्रिगेड की टीमें जान जोखिम में डालकर अंदर फंसे लोगों को बचाने का रास्ता तलाश रही थीं, तब ये दोनों भाई एयरपोर्ट की ओर निकल चुके थे। गिरफ्तारी से बचाने के लिए लूथरा ब्रदर्स ने दिल्ली की एक अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, लेकिन अदालत ने उसे खारिज कर दिया। उनके वकील ने दावा किया था कि दोनों भाई देश नहीं भागे, बल्कि पहले से तय बिजनेस ट्रिप पर गए हैं। वकील ने यह भी तर्क दिया कि लूथरा ब्रदर्स क्लब के प्रत्यक्ष मालिक नहीं हैं, सिर्फ संचालन का लाइसेंस उनके पास है और रोजाना का कामकाज स्टाफ देखता था, इसलिए घटना की सीधी जिम्मेदारी उन पर नहीं है। अदालत ने इन तर्कों को खारिज करते हुए राहत देने से इनकार कर दिया। घटना के बाद दोनों की तलाश में इंटरपोल के जरिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। खुफिया जानकारी के आधार पर पता चला कि वे थाइलैंड में छिपे हैं, और आखिरकार वहाँ से उन्हें दबोच लिया गया। भारत आने के बाद उन पर गोवा में ही मुकदमा चलेगा। इस बीच गोवा पुलिस ने क्लब के पांच मैनेजरों और स्टाफ सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। पणजी से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित इस नाइटक्लब में आधी रात को अचानक आग भड़की और कुछ ही मिनटों में पूरे परिसर को अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी भयानक थी कि कई शव एक-दूसरे के ऊपर पड़े मिले। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि पूरी जांच रिपोर्ट आठ दिन के अंदर आ जाएगी। इस हादसे के बाद पूरे गोवा में सभी नाइटक्लबों, बार और मनोरंजन स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा शुरू कर दी गई है।