ज़रा हटके
12-Dec-2025
...


लंदन (ईएमएस)। हाल ही में यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) के मार्स एक्सप्रेस मिशन ने मंगल ग्रह की उबड़-खाबड़ सतह पर वैज्ञानिकों ने एक विशालकाय ‘तितली’ जैसी आकृति देखी। इस ताजा खोज ने वैज्ञानिकों को चौका दिया है। यह विशालकाय तितली जैसी आक्रति 20 किलोमीटर तक फैली हुई है। पहली नज़र में यह किसी जीव का रूप लग रहा था, लेकिन वैज्ञानिकों ने उच्च-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों का विश्लेषण करने के बाद इसे असली जीव नहीं माना। यह आकृति मंगल के ‘इडायस फोसे’ क्षेत्र में स्थित एक दुर्लभ क्रेटर का हिस्सा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह क्रेटर किसी भारी चट्टान या एस्टेरॉयड के कम एंगल से टकराने के कारण बना। सामान्य क्रेटर गोल आकार का होता है, लेकिन इस टकराव की वजह से मलबा दो दिशाओं में फैला और बीच में गहरा गड्ढा बन गया। यही कारण है कि ऊपर से देखने पर यह तितली जैसी आकृति प्रतीत होती है। क्रेटर के मलबे की चिकनाहट और गोल आकार से यह भी पता चला कि टक्कर के समय वहां जमीन के नीचे बर्फ या पानी मौजूद था। टकराव से पैदा हुई गर्मी ने बर्फ को पिघला दिया, जिससे मिट्टी और पत्थर ‘कीचड़’ की तरह बहते हुए फैल गए। बटरफ्लाई क्रेटर पूर्व से पश्चिम लगभग 20 किलोमीटर लंबा और उत्तर से दक्षिण में 15 किलोमीटर चौड़ा है। टकराव का केंद्र गहरा और विशाल है। इस क्षेत्र में बड़ी दरारें और उठी हुई मेसा जैसी संरचनाएँ भी पाई गई हैं। इसके अलावा ‘रिंकल रिजेज’ दिखते हैं, जो दर्शाते हैं कि कभी यहां ज्वालामुखी सक्रिय थे। मिट्टी में मैग्नीशियम और आयरन की अधिकता से भी ज्वालामुखीय गतिविधि का संकेत मिलता है। मार्स एक्सप्रेस यान 2003 में लॉन्च हुआ था और 2004 से मंगल की परिक्रमा कर रहा है। इसके हाई-रिज़ॉल्यूशन स्टीरियो कैमरा ने पिछले दो दशकों में मंगल का नक्शा बनाने, उसकी सतह, वायुमंडल और चंद्रमाओं की जासूसी में अहम भूमिका निभाई है। यह यान अब तक ग्रह पर कई चौंकाने वाले दृश्य और संरचनाएँ सामने ला चुका है। वैज्ञानिकों की मान्यता है कि यह बटरफ्लाई क्रेटर न केवल मंगल पर दुर्लभ टकराव की घटना को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि इस इलाके में कभी पानी या बर्फ की मौजूदगी रही होगी। सुदामा/ईएमएस 12 दिसंबर 2025