राष्ट्रीय
12-Dec-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने अपने दशकों के इतिहास में कई ऐसी लॉन्चिंग की हैं, जिनकी मिसाल पूरी दुनिया में दी जाती है। अब इसरो एक और बड़ा काम करने जा रहा है। इसरो का बाहुबली रॉकेट अमेरिकी मोबाइल कंपनी की 6500 किलो वजनी कमर्शिलय सैटेलाइट को अंतरिक्ष तक ले जाएगा। जिसका काउंटडाउन शुरू हो चुका है। भारत और अमेरिका के बीच स्पेस सहयोग को नई मजबूती मिलने जा रही है। इसरो 15 दिसंबर को अपना सबसे ताकतवर रॉकेट एलवीएम 3 (जिसे ‘बाहुबली’ भी कहा जाता है) के जरिए अमेरिका का 6.5 टन वजनी कम्युनिकेशन सैटलाइट ब्लूबर्ड-6 अंतरिक्ष में भेजेगा। यह लांच श्रीहरिकोटा से होगा। एलवीएम 3 की क्षमता काफी ज्‍यादा पेलोड ले जाने की है। एलवीएम3 एक तीन-स्टेज भारी रॉकेट है। यह 8,000 किलो तक का पेलोड लो-अर्थ ऑर्बिट में और 4,000 किलो तक का पेलोड जीटीओ में ले जा सकता है। यह वही रॉकेट है जिसने 2 नवंबर को भारत के सबसे भारी 4.4 टन वजनी सीएमएस-3 सैटलाइट को सफलतापूर्वक लांच किया। टेक्सास की कंपनी एटीएस स्पेसमोबाइल का सैटलाइट ब्लूबर्ड-6 अमेरिकी कंपनी एटीएस स्पेसमोबाइल का अगली पीढ़ी का सैटलाइट है। कंपनी का कहना है कि यह उनका पहला नेक्स्ट-जेन ब्लूबर्ड सैटलाइट होगा, जिसमें लगभग 2,400 स्क्वायर फुट का बड़ा ऐंटिना लगा है। यह ब्लूबर्ड-1 से 5 की तुलना में 3.5 गुना बड़ा है और 10 गुना ज्यादा डेटा क्षमता रखता है। इस सैटेलाइट को लांच करने का उद्देश्‍य दूर-दराज़ इलाकों में सीधे फोन पर इंटरनेट मुहैया कराना है। ब्लूबर्ड-6 ‘ब्लॉक-2’ सीरीज का हिस्सा है। कंपनी 2026 तक कई और सैटलाइट भेजकर ऐसी सेवा शुरू करना चाहती है, जिससे नेटवर्क न होने वाले दूरस्थ इलाकों में भी सीधे मोबाइल फोन पर हाई-स्पीड इंटरनेट मिल सके। हर ब्लूबर्ड सैटलाइट 10,000 एमएचजेड तक बैंडविड्थ देने में सक्षम है और मोबाइल नेटवर्क कंपनियों के साथ मिलकर उनके लाइसेंस्ड स्पेक्ट्रम का उपयोग करते हुए सेवा उपलब्ध कराता है। आशीष दुबे / 12 दिसंबर 2025