राष्ट्रीय
12-Dec-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। सर्दियों के मौसमें में पाए जाने वाली हरी मटर में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-सी, विटामिन-के, आयरन और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स भरपूर होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा देने के साथ इम्यूनिटी भी मजबूत करते हैं। हालांकि, सेहत के लिए उतनी ही अच्छी मानी जाने वाली यह हरी सब्जी हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद नहीं होती। कुछ विशेष स्वास्थ्य स्थितियों में इसका अधिक सेवन नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टरों और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स के अनुसार मटर में हाई फाइबर और कुछ कॉम्प्लेक्स शुगर पाए जाते हैं, जो गैस और ब्लोटिंग का कारण बन सकते हैं। इसलिए आईबीएस, पेट फूलने या गैस्ट्रिक की समस्या वाले लोगों को इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए। इसके अलावा मटर में ऑक्सेलेट पाया जाता है, जो किडनी स्टोन के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि यह स्टोन बढ़ने का जोखिम बढ़ाता है। वहीं गाउट या हाई यूरिक एसिड वाले व्यक्तियों के लिए भी मटर परेशानी का कारण बन सकती है, क्योंकि इसमें मौजूद प्यूरिन शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा देता है और जोड़ों के दर्द व सूजन को बढ़ा सकता है। डायबिटीज के रोगियों को भी मटर का सेवन नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इसमें प्राकृतिक शुगर और कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो ब्लड शुगर बढ़ा सकते हैं। कमजोर पाचन तंत्र वाले या बार-बार अपच और एसिडिटी से परेशान रहने वाले लोगों को भी मटर भारी पड़ सकती है। ऐसे लोगों को इसे ज्यादा पकाकर, हल्के मसालों में और कम मात्रा में खाना चाहिए। कुछ व्यक्तियों को लेग्यूम्स से एलर्जी होती है, जिसके कारण खुजली, सूजन या सांस लेने में परेशानी जैसी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। ऐसे में तुरंत सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के लिए आधा कप मटर प्रतिदिन सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन उपरोक्त स्थितियों वाले लोगों को डॉक्टर या डाइटीशियन की सलाह पर ही इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए। बता दें कि सर्दियों का मौसम आते ही बाजारों में हरी मटर की भरमार दिखने लगती है। हर घर के किचन में मटर पनीर, आलू-मटर, मटर पुलाव और चाट जैसी डिशेज की खुशबू फैल जाती है। इसका मीठा स्वाद, मुलायम टेक्सचर और पोषक तत्व इसे सर्दियों का पसंदीदा खाद्य बना देते हैं। सुदामा/ईएमएस 12 दिसंबर 2025