-यह कदम टिकटों की कालाबाजारी रोकने उठाया, ओटीपी व्यवस्था की शुरु नई दिल्ली,(ईएमएस)। रेलवे ने जनवरी 2025 से अब तक 3.02 करोड़ संदिग्ध आईआरसीटीसी अकाउंट बंद कर दिए हैं। इसकी जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को लोकसभा में दी थी। यह कदम टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए उठाया गया है। धांधली करने वाले लोग बॉट्स और सॉफ्टवेयर से फेक आईडी बनाकर तत्काल टिकट बुक करते थे और ऊंचे दाम पर बेचते थे। इससे असली पैसेंजर्स को टिकट नहीं मिलता था। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने फर्जी अकाउंट्स को रोकने के लिए एंटी-बॉट सॉल्यूशंस जैसे सिस्टम लागू किए हैं, जिनका मकसद ट्रैफिक फिल्टर करके असली यात्रियों को आसान टिकट बुकिंग अनुभव देना है। तत्काल टिकट बुकिंग में दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार ने आधार-आधारित ओटीपी वेरीफिकेशन सिस्टम भी शुरू किया है। ऑनलाइन बुकिंग में यह प्रणाली सिस्टेमेटिक तरीके से लागू की गई है और 4 दिसंबर 2025 तक यह 322 ट्रेनों में सक्रिय थी। सरकार का दावा है कि इस उपाय से इन ट्रेनों में करीब 65फीसदी मामलों में कन्फर्म तत्काल टिकट की उपलब्धता में सुधार हुआ है। इसी तरह रेलवे ने आरक्षण काउंटरों पर भी तत्काल टिकट लेने के लिए ओटीपी व्यवस्था शुरू की है, जो दिसंबर 2025 तक 211 ट्रेनों में लागू हो चुकी थी। मंत्री ने बताया कि संदिग्ध टिकट बुकिंग से जुड़े कई पीएनआर की पहचान कर उन्हें नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट किया गया है। रेलवे के टिकटिंग और साइबर सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए विभाग कई सुरक्षात्मक स्तरों का इस्तेमाल करता है जिनमें नेटवर्क फायरवॉल, इंट्रूजन प्रिवेंशन सिस्टम, एप्लिकेशन डिलीवरी कंट्रोलर्स और वेब एप्लिकेशन सुरक्षा शामिल है। सिराज/ईएमएस 13दिसंबर25