नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार जीरा स्वास्थ्य का एक प्राकृतिक खजाना है, जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयुर्वेद में जीरे को पाचन शक्ति बढ़ाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने और शरीर की कई दिक्कतों को दूर करने की दवा के रूप में माना जाता है। जीरे में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। यही कारण है कि यह शरीर की ऊर्जा बनाए रखने, खून की कमी दूर करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। पाचन तंत्र को सक्रिय रखने में इसकी भूमिका सबसे अधिक चर्चित है। पेट की गैस, अपच, कब्ज, पेट दर्द और भूख न लगने जैसी समस्याओं में जीरा एक घरेलू औषधि के रूप में तुरंत राहत देता है। सुबह खाली पेट जीरा पानी पीना पाचन शक्ति को कई गुना बेहतर बनाता है और शरीर में जमा टॉक्सिन बाहर निकाल देता है। जीरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं। खांसी और जुकाम में भुना जीरा गुड़ के साथ खाने से गले को आराम मिलता है और कफ दूर होता है। वहीँ वजन कम करने की कोशिश में लगे लोगों के लिए भी जीरा फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और शरीर में फैट के स्तर को नियंत्रित करता है। महिलाओं के स्वास्थ्य में भी जीरे की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द, अनियमित चक्र और कमजोरी में जीरा पानी बेहद प्रभावी साबित होता है। दांतों और मुंह की समस्याओं में भी जीरा कारगर है इसे चबाने से सांस की बदबू दूर होती है और दांत मजबूत बनते हैं। एनीमिया यानी खून की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए भी जीरे का नियमित सेवन लाभकारी है, क्योंकि इसमें आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है। भारतीय रसोई में हर दिन इस्तेमाल होने वाला यह साधारण मसाला वास्तव में प्राकृतिक दवा का पूरा घर है। रोजाना एक चम्मच भुना जीरा या जीरा पानी न सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि कई छोटी-बड़ी मेडिकल परेशानियों से बचाव में भी मदद करता है। सुदामा/ईएमएस 14 दिसंबर 2025