राष्ट्रीय
14-Dec-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। घरेलू और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के बीच भारत और फ्रांस की वायुसेनाओं ने सफलता के साथ गरुड़ युद्धाभ्यास-2025 पूरा कर लिया है। इस वर्ष इसका आठवां संस्करण आयोजित किया गया था। जिसमें फ्रांस के मोंट डे मार्सन एयरबेस पर दोनों मित्र देशों की वायुसेनाओं ने अपनी युद्धक हवाई क्षमता का शानदार अंदाज में प्रदर्शन किया है। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि 27 नवंबर को गरुड़ युद्धाभ्यास की शुरुआत हुई थी और इसे पूरा करने के बाद बीते 2 दिसंबर को वायुसेना का दल स्वदेश लौटा है। मंत्रालय ने बताया कि इस बार युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोई-30-एमकेआई ने हवा में ईंधन भरने में सक्षम आईएल-76 और विशालकाय परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर-3 ने भाग लिया था। भारत, फ्रांस की वायुसेनाओं की टुकड़ी ने युद्धाभ्यास के दौरान एक वास्तविक रणनीतिक माहौल में जटिल हवाई अभियानों की व्यापक रूप से जांच-पड़ताल की। इस बाबत अभ्यास के दौरान संयुक्त मिशन योजना, समन्वय और हमला करने और एस्कॉर्ट मिशन जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया। साथ ही गरुड़ अभ्यास में दोनों देशों की वायुसेनाओं ने एक-दूसरे की अच्छी आदतों और अनुभवों को भी आपस में साझा किया है। समापन समारोह के दौरान भारत, फ्रांस के वरिष्ठ अधिकारियों ने अभ्यास में शामिल टुकड़ियों के सदस्यों से मुलाकात की और उनके पेशेवराना अंदाज, समर्पण, अनुशासन की सराहना की। यह अभ्यास इस वर्ष भारतीय वायुसेना की बड़ी अंतरराष्ट्रीय भागीदारी में से एक है। जो भारत की फ्रांस के साथ बनी हुई मजबूत रणनीतिक साझेदारी के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर प्रदान करती है। साथ ही इसकी मदद से दोनों बलों को अपने मूल्यवान अनुभवों से सीखने का मौका भी मिलता है। अभ्यास से मिली सीख के माध्यम से दोनों देशों को भविष्य के युद्ध जैसे परिदृश्य से जुड़ी हुई क्षमता मजबूत होती है और मित्र देश की वायुसेना के साथ संबंध भी प्रगाढ़ होते हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/14दिसंबर2025