क्षेत्रीय
14-Dec-2025
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हथियारों की सप्लाई, वित्तीय प्रबंधन सहित अन्य मामलों के बारे मे पूछताछ कर रही टीम नक्सल मुक्त हो चुका है बालाघाट जिला बालाघाट (ईएमएस). नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने के बाद अब उनके गैरकानूनी कार्यों की जांच एनआईए और आईबी की टीम कर रही है। दोनों ही जांच एजेंसियां बालाघाट पहुंच चुकी है। जांच एजेंसियों द्वारा आत्मसमर्पित नक्सलियों से उनके हथियारों की सप्लाई, वित्तीय प्रबंधन सहित अन्य सभी गैर कानूनी मामलों की जांच कर रही है। ताकि भविष्य में नक्सली विचारधारा पुन: काबिज न हो सकें। जानकारी के अनुसार बालाघाट जिले पूरी तरह से नक्सलमुक्त हो चुका है। केबी डिवीजन और एमएमसी जोन के सभी हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। बावजूद इसके सुरक्षा एजेंसियां नक्सल उन्मूलन को लेकर किसी भी तरह से कोताही नहीं बरतना चाह रही है। आत्मसमर्पित हार्डकोर नक्सलियों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। बालाघाट में सरेंडर करने वाले नक्सलियों से पुलिस कई राज पता कर रही है। सरेंडर करने वाले नक्सली अब पुलिस को जंगल में छिपा कर रखे नक्सली साहित्य, हथियार और अन्य सामग्रियों के बारे में जानकारी भी दे रहे हैं। पूछताछ के दौरान खासतौर पर हथियारों की सप्लाई कैसे होते थी, वित्तीय प्रबंधन कैसे होता था, जिले में कहां-कहां विस्फोटक सामग्री सहित अन्य सामग्रियों के डंप हैं, कितने नक्सली और शेष बचे हैं, नक्सली दलम को किस तरह से दूसरों से सहयोग मिलता था सहित ऐसी अनेक जानकारियां जुटाई जा रही है। ताकि नक्सल विचारधारा में पर्दे के पीछे कार्य करने वालों पर भी कार्यवाही की जा सकें। विदित हो कि 1 नवंबर को हार्डकोर इनामी महिला नक्सली सुनीता ने पहला आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद 7 दिसंबर को भोरमदेव एरिया कमेटी (सुरेंद्र उर्फ कबीर की पार्टी) प्रमुख कबीर सहित 10 नक्सलियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के समक्ष हथियार डाले थे। वहीं 11 दिसंबर को बालाघाट जिले में शेष दो नक्सली दीपक और उसके साथी रोहित ने सीआरपीएफ कैंप में अपने हथियार डाल दिए थे। इन दोनों ही नक्सलियों के आत्मसपर्मण करने के बाद बालाघाट जिला पूरी तरह से नक्सल मुक्त घोषित कर दिया गया है। इसके अलावा एमएमसी जोन प्रमुख सीसी मेंबर रामधेर ने अपने साथियों के साथ छत्तीसगढ़ राज्य के बकरकट्टा थाना में और एमएमसी जोन प्रवक्ता अनंत ने अपने साथियों के साथ महाराष्ट्र राज्य के गोंदिया जिले में हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया था। जिसके बाद से तीन राज्यों के ट्राई जंक्शन में एमएमसी जोन पूरी तरह से खत्म हो गया था। चार सदस्यीय टीम ने संभाला है मोर्चा नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने के बाद बालाघाट जिले में एनआईए और आईबी की चार सदस्यीय टीम ने मोर्चा संभाला हुआ है। जांच टीम द्वारा नक्सलियों को सप्लाई होने वाले हथियारों की कड़ी की छानबीन कर रही है। इसके अलावा दलम का वित्तीय प्रबंधन कैसे होता था, उन्हें कौन मदद करता था के बारे में आत्मसमर्पित नक्सलियों से पूछताछ कर रही है। ताकि नक्सलियों को पर्दे के पीछे से सहयोग करने वाले लोगों तक पहुंचा जा सकें। दरअसल, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली दीपक और रोहित की निशानदेही पर पुलिस ने बड़ी मात्रा में जंगल में डंप किए गए रायफल, पिस्टल, एम्युनेशन, बीजीएल शेल, इलेक्ट्रॉनिक सामान, मेनपेक सेट सहित अन्य सामग्रियां जब्त की थी। इससे स्पष्ट होता है कि जिले के जंगलों में और भी विस्फोटक सामग्री हो सकती है। विस्फोटक सामग्री, नक्सल साहित्य बरामद सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों ने विस्फोटक सामग्री, नक्सल साहित्य सहित अन्य सामग्री बरामद की है। हालांकि, अभी इस मामले की किसी भी अधिकारियों से अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। बताया गया है कि आत्मसमर्पित नक्सली दीपक की निशानदेही पर किरनापुर थाना क्षेत्र के सिरका के जंगल से यह सामग्री बरामद की गई है। जिसमें रायफल, जिंदा कारतूस और नगद राशि शामिल है। यह डंप वही है, जो नक्सलियों ने पूर्व में ही जंगलों में डंप करके रखा गया था। इसी तरह गढ़ी थाना क्षेत्र के सुपखार और कान्हा नेशनल पार्क एरिया से भी नक्सल डंप बरामद करने की जानकारी सामने आ रही है। विदित हो कि इसके पूर्व नक्सली दीपक की निशानदेही पर पुलिस ने हथियारों का जखीरा बरामद किया था। भानेश साकुरे / 14 दिसंबर 2025