ज़रा हटके
15-Dec-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। लगातार काम के दबाव के बीच थकान और तनाव में अधिकांश लोग तुरंत राहत के लिए चाय या कॉफी का सहारा लेते हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इनके अधिक सेवन से शरीर के तंत्रिका तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कैफीन असंतुलित मात्रा में लेने से दिल की धड़कन तेज होना, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा और पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। ऐसे समय में आयुर्वेद एक सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्प प्रस्तुत करता है हर्बल टी। आयुर्वेद के अनुसार थकावट और तनाव सीधे तंत्रिकाओं से जुड़े होते हैं। जब तंत्रिकाएं थक जाती हैं, तो शरीर कार्य करने की क्षमता खो देता है और व्यक्ति को तुरंत नींद आने लगती है। आंखों का भारी होना, मन का बेचैन होना, ध्यान न लगना और पूरे शरीर में कमजोरी महसूस होना ऐसे ही संकेत हैं। इस स्थिति में हर्बल टी शरीर के लिए बिना किसी नुकसान के ऊर्जा और सुकून का बेहतर स्रोत बन सकती है। यह न केवल दिमाग को आराम देती है बल्कि स्मरण शक्ति को भी बढ़ाती है। आयुर्वेदिक हर्बल टी तैयार करने के लिए तीन मुख्य तत्वों की आवश्यकता होती है जटामांसी, ब्राह्मी और कैमोमाइल। जटामांसी और ब्राह्मी जड़ी-बूटियां हैं, जबकि कैमोमाइल एक औषधीय फूल है। इन्हें समान मात्रा में मिलाकर पानी में अच्छी तरह उबालें और काढ़ा बनने तक पकने दें। फिर इसे छानकर गुनगुना होने पर पिएं। यह मिश्रण शरीर में ऊर्जा भरने, तनाव कम करने और मस्तिष्क को आराम देने में बेहद प्रभावी माना जाता है। जटामांसी शरीर और मन दोनों को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बेचैनी, घबराहट और मानसिक दबाव कम करने में सहायक है। इसमें मौजूद न्यूरो-रिलैक्सेंट तत्व तंत्रिकाओं को शांत करते हैं, जिससे थकान धीरे-धीरे खत्म होती है। ब्राह्मी मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता को बढ़ाने के लिए जानी जाती है। यह शरीर में तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन कॉर्टिसोल और एड्रेनालाईन को संतुलित रखती है, जिससे तनाव और चिंता कंट्रोल में रहते हैं। दूसरी ओर, कैमोमाइल नींद की गुणवत्ता सुधारने में प्रभावी माना जाता है। यह मस्तिष्क को शांत करता है और गहरी नींद में मदद करता है। डॉक्टरों के मुताबिक हर्बल टी का सेवन रात को सोने से पहले करना सबसे अधिक लाभकारी होता है। इसके अलावा, लगातार तनाव की स्थिति में या काम के दौरान एकाग्रता बढ़ाने के लिए भी इसे लिया जा सकता है। यह चाय या कॉफी की तरह लत नहीं लगाती और पूरी तरह सुरक्षित है। सुदामा/ईएमएस 15 दिसंबर 2025