राष्ट्रीय
15-Dec-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। उत्तर भारत में सर्दी ने अब पूरी तरह से अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में घने से बहुत घने कोहरे की स्थिति बनी रह सकती है। दिल्ली-एनसीआर समेत मैदानी इलाकों में कम हवा की गति और नमी के कारण आसमान में धुंध और स्मॉग की मोटी परत छाई हुई है। कई इलाकों में दृश्यता शून्य के करीब पहुंच गई है, जिससे सड़कों पर वाहन बेहद धीमी गति से चल रहे हैं और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े आंकड़ों के अनुसार राजधानी के कई प्रमुख इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। बड़ाखंबा रोड क्षेत्र में एक्यूआई 474 दर्ज किया गया है, जो अत्यंत खतरनाक स्तर माना जाता है। यहां स्मॉग इतना घना है कि कुछ मीटर की दूरी पर मौजूद चीजें भी साफ नजर नहीं आ रही हैं। इसी तरह पंडित पंत मार्ग पर एक्यूआई 417 और सरदार पटेल मार्ग पर 483 तक दर्ज किया गया है। इन इलाकों में इमारतें और वाहन धुंध की चादर में लिपटे हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे यातायात और दैनिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। दिल्ली का औसत या समग्र एक्यूआई भी 450 के आसपास बना हुआ है, जो इस सर्दी के सबसे खराब दौरों में से एक माना जा रहा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार कम हवा, ठंडा तापमान और प्रदूषकों के वातावरण में फंसे रहने से स्मॉग की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। हालात को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत स्टेज-4 के प्रतिबंध लागू किए गए हैं। इसके अंतर्गत निर्माण और तोड़फोड़ के कार्यों पर रोक लगाई गई है और पुराने डीजल वाहनों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर पाकिस्तान के ऊपरी हिस्सों में सक्रिय एक पश्चिमी विक्षोभ 17 दिसंबर की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। इसके चलते जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश और भारी बर्फबारी की संभावना जताई गई है। इस मौसम प्रणाली का असर मैदानी इलाकों के मौसम पर भी देखने को मिलेगा। पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद उत्तर दिशा से ठंडी हवाएं चलने की संभावना है, जिससे मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान और गिरने की चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी सामान्य से देर से हो रही है, जो जलवायु परिवर्तन का संकेत हो सकता है। आमतौर पर नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत तक पहाड़ बर्फ से ढक जाते थे, लेकिन इस साल कई क्षेत्रों में अब तक बर्फ नहीं गिरी है। हालांकि आने वाला पश्चिमी विक्षोभ इस कमी को कुछ हद तक पूरा कर सकता है। 15 दिसंबर से 19 दिसंबर के बीच पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। घने कोहरे के कारण सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित हो सकता है। वहीं कोहरे और शांत हवाओं के चलते प्रदूषण के स्तर में फिलहाल राहत की उम्मीद कम है, हालांकि बर्फबारी के बाद चलने वाली ठंडी हवाएं कुछ सुधार ला सकती हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/15दिसंबर2025