बहराइच(ईएमएस)। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कैसरगंज इलाके में वन विभाग के विशेषज्ञ ‘शूटर’ दल ने रविवार शाम को आतंक का पर्याय बन चुकी एक मादा भेड़िए को मार गिराया। इससे ठीक एक दिन पहले, शनिवार को इसी जोड़े के नर भेड़िए को भी मार दिया गया था। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि कैसरगंज तहसील के गोड़हिया नंबर चार गांव में भेड़िए के इस खतरनाक जोड़े को दो दिन के भीतर एक-एक कर समाप्त कर दिया गया है। लगभग ढाई महीने पहले, राज्य के शीर्ष अधिकारी के दौरे के बाद से चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत, वन विभाग के शूटरों द्वारा इस क्षेत्र में अब तक कुल छह भेड़िए मारे जा चुके हैं। रविवार शाम को वन अधिकारी ने जानकारी दी कि कैसरगंज तहसील के गोड़हिया नंबर चार गांव के मजरा-जरूआ में एक बार फिर भेड़िया आने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही वन विभाग की बचाव टीम ड्रोन के साथ तुरंत गांव में पहुंची। टीम ने लगातार निगरानी के लिए दो ड्रोन कैमरे लगाए। नदी की तरफ़ कछार में दूसरे ड्रोन द्वारा आगे की ओर से निगरानी की गई, जिसमें भेड़िया दिखाई दिया। भेड़िया बड़े घास के झुरमुट में भागने की कोशिश कर रहा था। बचाव टीम ने तत्काल गोली चलाई, जिससे मादा भेड़िए की मौके पर ही मृत्यु हो गई। वन अधिकारी ने बताया कि रविवार को मारी गई मादा भेड़िया करीब चार से पांच वर्ष की वयस्क थी। इससे पहले शनिवार दोपहर राहत अभियान के दौरान इसी गांव में नदी किनारे एक नर भेड़िए को मारा गया था। अधिकारियों का मानना है कि भेड़िए के इस जोड़े ने ही बीते कुछ दिनों से इलाके में दहशत फैला रखी थी। शनिवार तड़के करीब 3:30 बजे इसी जोड़े ने जरूआ गांव निवासी ग्रामीण रामकुमार की एक वर्षीय पुत्री को घर से उठा लिया था, जिससे इलाके में भारी गुस्सा और भय व्याप्त हो गया था। अधिकारियों ने यह भी बताया कि गोड़हिया नंबर चार से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित मल्लहनपुरवा गांव में बीती सात दिसंबर को भेड़िए ने एक चार माह के बच्चे को उठाया था, जिसके कपड़े और अवशेष बाद में गन्ने के एक खेत से बरामद हुए थे। मल्लहनपुरवा गांव में 29 नवंबर से सात दिसंबर के बीच भेड़िए के तीन हमले हो चुके थे। गौरतलब है कि बहराइच जनपद के कुछ गांवों में नौ सितंबर से शुरू हुए भेड़ियों के हमलों के कारण अब तक दस बच्चों और एक बुजुर्ग दंपति सहित कुल बारह लोगों की मौत हो चुकी है। इन हमलों में कम से कम 32 लोग घायल भी हुए हैं। हमलों की गंभीरता को देखते हुए, अधिकारी ने 27 सितंबर को क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद भेड़िए को सुरक्षित बचाने और पकड़े न जाने की स्थिति में उसे गोली मारने के स्पष्ट निर्देश दिए थे। इसके बाद, अन्य जनपदों और दूसरे राज्यों से बचाव विशेषज्ञ और शूटर बुलाकर यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। 28 सितंबर से लेकर अब तक इस अभियान के तहत छह खूंखार भेड़ियों को मार गिराया जा चुका है, जिससे क्षेत्र के निवासियों को कुछ हद तक राहत मिली है। वीरेंद्र/ईएमएस/15दिसंबर2025