15-Dec-2025
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:: स्टेवन जॉनसन सिंड्रोम और टॉक्सिक एपिडर्मल नेक्रोसिस से पीड़ित मरीज को 18 दिन बाद ICU से मिली छुट्टी :: इंदौर (ईएमएस)। केयर सीएचएल हॉस्पिटल, इंदौर ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए स्टेवन जॉनसन सिंड्रोम (SJS) और टॉक्सिक एपिडर्मल नेक्रोसिस (TEN) जैसी अत्यंत दुर्लभ और जानलेवा स्थितियों से पीड़ित 25 वर्षीय महिला का सफल उपचार किया। अस्पताल की मल्टीडिसिप्लिनरी टीम के समन्वित प्रयासों के बाद, मरीज को पूरी तरह स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दी गई। :: गंभीर स्थिति में भर्ती :: केयर सीएचएल हॉस्पिटल के कंसलटेंट फिजिशियन, डॉ. के. एल. प्रजापति ने बताया कि मरीज को तेज बुखार, खांसी, सर्दी और पूरे शरीर पर गंभीर स्किन-रैशेज की शिकायत के साथ ओपीडी में लाया गया था। जांच में पता चला कि कुछ दवाइयाँ लेने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ी थी। डॉ. प्रजापति ने जानकारी दी कि मरीज की त्वचा का लगभग 48 प्रतिशत हिस्सा एपिडर्मल नेक्रोसिस से प्रभावित था, जो गंभीर रूप से जलने जैसी स्थिति पैदा करता है। वायरल न्यूमोनिया और सेप्टिक शॉक जैसी जटिलताओं ने उसकी स्थिति को और गंभीर बना दिया था। :: मृत्यु जोखिम के बावजूद सफलता :: डॉ. प्रजापति के अनुसार, मरीज का स्कॉर्टन स्कोर 2 था, जो सामान्य परिस्थितियों में 12 प्रतिशत मृत्यु जोखिम को दर्शाता है। लेकिन वायरल न्यूमोनिया और सेप्टिक शॉक की मौजूदगी से यह खतरा काफी बढ़ गया था। इसके बावजूद, केयर सीएचएल हॉस्पिटल की टीम ने अगले 18 दिनों तक मरीज को लगातार आईसीयू सपोर्ट, संक्रमण नियंत्रण, त्वचा-संरक्षण, फ्लूइड मैनेजमेंट और एडवांस्ड थेरेपी प्रदान की। डॉ. प्रजापति ने बताया कि SJS और TEN सामान्यतः कुछ विशेष दवाओं - जैसे दर्द निवारक (NSAIDs), सल्फोनामाइड और एंटी-एपिलेप्टिक दवाएँ की गंभीर एलर्जिक प्रतिक्रिया के कारण विकसित होते हैं। इस मामले में, यह अनुमान लगाया गया कि दवाओं के साथ-साथ किसी वायरल संक्रमण ने भी इस गंभीर प्रतिक्रिया को ट्रिगर किया होगा। उन्होंने जोर दिया कि ऐसे केस में सही समय पर बीमारी का पता लगाकर सही इलाज शुरू करना ही सबसे जरूरी होता है, जिसमें केयर सीएचएल की टीम सफल रही। टीम के अथक प्रयासों से मरीज की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हुआ और वह पूरी तरह स्थिर होकर सुरक्षित रूप से डिस्चार्ज कर दी गई। प्रकाश/15 दिसम्बर 2025