ज़रा हटके
16-Dec-2025
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पेरिस,(ईएमएस)। पेरिस में कार्यरत एक भारतीय प्रोफेशनल का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इसे लेकर व्यापक बहस छिड़ गई है। इस वीडियो में वह शख्स विदेश में भारतीय सहकर्मियों के साथ काम करने के अपने अनुभवों को खुलकर साझा करता है। उसका कहना है कि कई भारतीय कर्मचारी अपने काम पर फोकस करने के बजाय दूसरों की छोटी-छोटी गलतियों पर नजर रखने और उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने में ज्यादा रुचि लेते हैं। वीडियो में वह बताता है कि यदि कोई कर्मचारी महज पांच मिनट देर से ऑफिस पहुंच जाए, तो उस बात को इस तरह मैनेजर तक पहुंचाया जाता है, मानो उसने कोई बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो। दूसरी ओर, जो कर्मचारी समय से पहले ऑफिस आता है, वह इसे अपनी महानता दिखाने का जरिया बना लेता है और दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है। उसके अनुसार यह व्यवहार न केवल अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा को जन्म देता है, बल्कि टीम के माहौल को भी खराब करता है। उसका आरोप है कि कुछ भारतीय कर्मचारियों के बीच गॉसिप, बैकबाइटिंग और शिकायतें ऑफिस की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं। वह कहता है कि वह खुद को खुशकिस्मत मानता है क्योंकि जिस प्रोजेक्ट पर वह काम कर रहा है, उसमें वह अकेला भारतीय है। इसी वजह से उसे रोज के ड्रामे, आपसी राजनीति और तनाव से जूझना नहीं पड़ता। वीडियो में वह साफ शब्दों में कहता है कि एक भारतीय अक्सर दूसरे भारतीय का दुश्मन बन जाता है। उसके मुताबिक यह स्थिति सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि विदेशों में भी यही देखने को मिलती है। उसका दावा है कि पेरिस में स्थानीय कर्मचारी आमतौर पर ऑफिस पॉलिटिक्स पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, जबकि भारतीय कर्मचारी अक्सर एक-दूसरे के खिलाफ साजिशें रचने में लगे रहते हैं। इसका सीधा असर टीमवर्क पर पड़ता है और धीरे-धीरे पूरा वर्क एनवायरनमेंट टॉक्सिक बन जाता है। वीडियो का एक चौंकाने वाला पहलू तब सामने आता है जब वह बताता है कि जिन मैनेजर्स के सामने ये छोटी-छोटी शिकायतें पहुंचाई जाती हैं, वे खुद सुबह करीब दस बजे ऑफिस आते हैं और दोपहर बारह बजे निकल जाते हैं। इसके बावजूद भारतीय कर्मचारी आपस में ही एक-दूसरे को नीचा दिखाने और शिकायतें करने में समय गंवाते रहते हैं। इस वीडियो पर सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी काफी तीखी हैं। कई यूजर्स ने कहा कि आपसी फूट और खींचतान की वजह से ही भारतीय समुदाय कमजोर रहा है। कुछ लोगों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए लिखा कि उन्होंने तय कर लिया है कि वे किसी भी हालत में भारतीय मैनेजर्स के अधीन काम नहीं करेंगे। कुछ यूजर्स ने यह भी कहा कि वर्कप्लेस में ऐसे मैनेजर्स से दूरी बनाकर रखना ही बेहतर होता है, क्योंकि उनके अनुभव काफी कड़वे रहे हैं। एक अन्य यूजर ने गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि कुछ भारतीय मैनेजर्स ने नियमों के बावजूद कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं दिया। उसके अनुसार ऑडिट में सामने आया कि कंपनी पर कर्मचारियों का भारी बकाया था, लेकिन जानबूझकर भुगतान से जुड़े दस्तावेज छुपा दिए गए, जिससे कर्मचारी समय बीत जाने के कारण कानूनी रूप से भी अपना पैसा वापस नहीं पा सके। इस वीडियो ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारतीय प्रोफेशनल्स विदेश जाकर भी वही ऑफिस पॉलिटिक्स दोहराते हैं, या फिर ये केवल कुछ लोगों के व्यक्तिगत अनुभव हैं। फिलहाल सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर चर्चा और बहस लगातार जारी है। वीरेंद्र/ईएमएस 16 दिसंबर 2025