अंतर्राष्ट्रीय
16-Dec-2025
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वॉशिंगटन (ईएमएस)। अंतरिक्ष में बृहस्पति के बर्फीले चांद यूरोपा की सतह पर वैज्ञानिकों को एक अजीब, डरावना और मकड़ी जैसा विशाल निशान मिला है। इस घटना ने अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में हलचल मचा दी है। यह ऐसा नजर आता है मानो किसी विशाल जीव ने बर्फ पर खरोंच मारी हो या कोई दैत्याकार मकड़ी वहां रेंग गई हो। यह रहस्यमय पैटर्न नासा के गैलिलियो स्पेसक्राफ्ट ने 1990 के दशक में कैद किया था, लेकिन अब जाकर वैज्ञानिक इसके पीछे छिपे राज को समझ पाए हैं। इस निशान को वैज्ञानिकों ने आयरिश भाषा में ‘डम्हैन अल्ला’ नाम दिया है, जिसका अर्थ होता है ‘दीवार का राक्षस’ या ‘स्पाइडर’। यह निशान यूरोपा के मनन्नान क्रेटर के पास देखा गया था, जहां बर्फ पर तारे के फटने जैसे रेडियल पैटर्न नजर आते हैं। लंबे समय तक इसे उल्कापिंड की टक्कर का नतीजा माना गया, लेकिन ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन के वैज्ञानिकों की नई रिसर्च ने इस धारणा को बदल दिया है। अध्ययन के मुताबिक, यह निशान किसी बाहरी टक्कर से नहीं, बल्कि यूरोपा के भीतर चल रही गतिविधियों से बना है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यूरोपा की मोटी बर्फीली परत के नीचे नमकीन पानी का विशाल समुद्र मौजूद है। जब बर्फ में दरार पड़ती है या दबाव बढ़ता है, तो यह नमकीन पानी फव्वारे की तरह ऊपर की ओर बढ़ता है। यूरोपा की बेहद ठंडी सतह पर पहुंचते ही यह पानी जमने लगता है, लेकिन जमने से पहले यह मकड़ी के जाले या तारे जैसा पैटर्न बना देता है। पृथ्वी पर भी जमी हुई झीलों में इसी तरह की संरचनाएं बनती हैं, जिन्हें ‘लेक स्टार्स’ कहा जाता है। इसी समानता ने वैज्ञानिकों को यह निष्कर्ष निकालने में मदद की कि यूरोपा पर भी वही प्राकृतिक प्रक्रिया काम कर रही है। इस खोज का महत्व सिर्फ एक अजीब निशान तक सीमित नहीं है। जहां तरल पानी होता है, वहां जीवन की संभावना भी मानी जाती है। रिसर्च टीम की लीड वैज्ञानिक लॉरेन मैक कीओन के मुताबिक, अगर यूरोपा की सतह के ठीक नीचे नमकीन पानी के छोटे तालाब मौजूद हैं, तो वहां सूक्ष्म जीवन पनप सकता है। यह निशान वैज्ञानिकों के लिए एक तरह का नक्शा है, जो यह संकेत देता है कि भविष्य में कहां और कैसे खोज की जाए। अभी तक वैज्ञानिक गैलिलियो मिशन की सीमित रेजोल्यूशन वाली तस्वीरों पर निर्भर हैं, लेकिन आने वाले वर्षों में तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है। नासा का ‘यूरोपा क्लिपर’ मिशन 2030 में बृहस्पति के सिस्टम तक पहुंचेगा और यूरोपा की हाई-रेजोल्यूशन तस्वीरें भेजेगा। अगर वहां ऐसे और ‘मकड़ी जैसे’ निशान मिले, तो यह लगभग तय हो जाएगा कि यूरोपा एक सक्रिय ‘ओशन वर्ल्ड’ है। सुदामा/ईएमएस 16 दिसंबर 2025