अधिकारों के लिए 11 साल से भटक रहा किसान, चार साल से कोर्ट में अटका है मामला, कलेक्टर ने तत्काल तहसीलदार को मौके पर भेजा गुना (ईएमएस)| सरकारी तंत्र की उपेक्षा और न्याय में हो रहे विलंब से त्रस्त एक किसान ने आज मंगलवार को कलेक्ट्रेट में विरोध का ऐसा अनूठा तरीका अपनाया कि हर किसी की रूह काँप उठी। तहसील आरोन के ग्राम आंखखेड़ा निवासी हिम्मत सिंह अहिरवार अपने खेत पर हुए अवैध कब्जे और गलत नामांतरण के विरोध में आरोन बस स्टैंड से लेकर गुना कलेक्ट्रेट तक जमीन पर पेंढ (घिसटकर) भरते हुए पहुंचे। 11 साल पुरानी है समस्या लगभग 11 साल पुराने इस जमीन विवाद से परेशान हिम्मत सिंह ने बताया कि उनकी कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 145/2 के एक हिस्से (0.627 रकबा) का नामांतरण वर्ष 2014 में गलत तरीके से आरोपी धनराम अहिरवार के नाम कर लिया गया है। इस जमीन को वापस पाने के लिए वह पिछले चार वर्षों से आरोन न्यायालय में भटक रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। इच्छा मृत्यु की मांग पेंढ भरकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान ने कहा कि न्याय न मिलने के कारण वह मानसिक रूप से टूट चुके हैं। उन्होंने सीधे कलेक्टर से गुहार लगाई कि यदि उन्हें उनकी जमीन वापस नहीं दिलाई गई, तो उन्हें इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि उनके पास विरोध जताने का यह एकमात्र रास्ता बचा था। वहीं जिला कलेक्टर किशोर कन्याल ने इस मार्मिक प्रदर्शन का तत्काल संज्ञान लिया। कलेक्टर ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है और इसकी गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार को तुरंत मौके पर भेजकर निष्पक्ष जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि न्यायालय के आदेशों और राजस्व रिकॉर्ड की गहन पड़ताल के बाद जल्द ही वैधानिक निर्णय लिया जाएगा। इनका कहना है - प्रकरण मेरे संज्ञान में आया है। आरोन तहसीलदार से मेरी बात हुई है। शाम तक वह जांच का प्रतिवेदन देंगे। संभवत: इस मामले में एक पक्ष की ओर से कोर्ट का फैसला भी है। दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करेंगे। - किशोर कन्याल, कलेक्टर गुना - सीताराम नाटानी