राष्ट्रीय
16-Dec-2025
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-केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में कांग्रेस को दिखाया आईना नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में चुनाव आयोग की वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) पर बहस के दौरान कहा कि दशकों तक चुनाव आयोग के काम को देखने की जिम्मेदारी एक पार्टी, और उस और सीमित करें तब एक परिवार के पास थी। उन्होंने आरोप लगाया कि तब किसी ने भी चुनाव आयोग पर सवाल खड़े नहीं किए। उन्होंने कांग्रेस की वोट चोरी, वोट चोरी शब्दावली वाली रैली पर दुख व्यक्त कर कहा कि केंद्र सरकार किसी भी विषय पर चर्चा से नहीं भागती। नड्डा ने याद दिलाया कि ईवीएम राजीव गांधी के समय में आया और 2004 तथा 2009 के चुनाव भी इसी से हुए, जिनके माध्यम से कांग्रेस ने 10 साल तक शासन किया। उन्होंने पूछा कि जीत मिलने पर शासन करना और हारते ही चुनाव आयोग पर सवाल उठाना कहाँ तक सही है। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग का गठन आर्टिकल 324 के तहत हुआ है, जिसे चुनाव कराने, वोटर की परिभाषा तय करने और वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने की शक्ति दी गई है। उन्होंने एसआईआर (वोटर लिस्ट में सुधार की प्रक्रिया) को संविधान सम्मत बताया। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य मतदाता लिस्ट से बाहर न रहे और अयोग्य को शामिल न किया जाए। नड्डा ने दावा किया कि चुनाव आयोग द्वारा किए गए अधिकांश एसआईआर कांग्रेस या दूसरे दलों के प्रधानमंत्रियों के दौर में हुए। केवल एक बार, 2002 में, अटल बिहारी वाजपेयी के दौर में एसआईआर हुआ था। उन्होंने बताया कि 2010 के बाद से रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा किसी वोटर का नाम डिलीट न करने की नीति के कारण मृत लोगों, शादी के बाद जगह बदलने वाले और नौकरी के चलते स्थानांतरित होने वाले लोगों के नाम हटाने के लिए एसआईआर जरूरी हो जाता है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि वे बिहार चुनाव के नतीजों के बाद दर्द में हैं, लेकिन दवा कहीं और लगा रहे हैं। नड्डा ने अंत में कहा कि संवैधानिक संस्थानों को मजबूत करने की जिम्मेदारी सबकी है और दुनिया की निगाह में भारत के चुनाव आयोग का एक विशेष स्थान है। 1.4 अरब की आबादी वाले देश में चुनाव कराना और वोटों को सुरक्षित रखते हुए नतीजे देना अद्वितीय है। आशीष दुबे / 16 दिसंबर 2025